Ceasefire Violation: पाकिस्तान ने 2020 में 5100 बार किया सीजफायर का उल्लंघन, 18 वर्षों में यह सबसे अधिक
Pakistan Violate Ceasefire इस साल पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अकारण की गई गोलाबारी ने 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते को बेमानी साबित कर दिया। हालांकि गोलाबारी का यह सिलसिला अभी थमा नहीं है।
जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से यहां बेहतर होते हालात से हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान किस कदर बौखलाया हुआ है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 2020 तक 5100 से अधिक बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि केंद्र ने जिस माह यह कदम उठाया उसी अगस्त में ही पाकिस्तानी सैनिकों ने 1565 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। पिछले 18 वर्षों में सीजफायर उल्लंघन के यह मामले सबसे अधिक हैं। यही नहीं पाकिस्तान की इस नापाक हरकत के कारण 36 लोगों की मौत हो गई जबकि 130 से अधिक लोग घायल हो गए।
यह आंकड़े सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस साल पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अकारण की गई गोलाबारी ने 2003 में हुए संघर्ष विराम समझौते को बेमानी साबित कर दिया। हालांकि गोलाबारी का यह सिलसिला अभी थमा नहीं है। पाकिस्तानी सैनिक जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के इरादे से आतंकवादियों की इस ओर घुसपैठ कराने के लिए अभी भी सीमा पर आए दिन गोलाबारी कर रहे हैं।
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में 2020 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान ने 5100 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन 5100 किया, जो कि लगभग 18 वर्षों में सबसे अधिक था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने बार-बार एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ लगते गांवों और सीमावर्ती इलाकों को निशाना बनाया।
24 जवानों समेत 36 लोगों की गई जान: आधिकारिक सूत्र के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने 2020 में प्रतिदिन करीब 14 बार भारतीय सीमा में गोलाबारी की। पाकिस्तान द्वारा की गई इस गोलाबारी में 24 भारतीय जवानों समेत 36 लोगों की जान गई। यही नहीं 130 के करीब लोग घायल हुए। जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा पर ही करीब 15 जवान शहीद हुए।
अगस्त में पाक ने किया 1565 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन: वर्ष 2019 में पाकिस्तानी सैनिकों ने 3289 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था। केंद्र सरकार ने जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया तो बौखलाए पाकिस्तान ने अगस्त में ही 1565 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।
2017 की तुलना 2020 में पांच गुना बढ़ी गोलाबारी: 2020 में पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन के मामले 2017 की तुलना पांच गुना अधिक है। वर्ष 2017 में यह संख्या 971 के करीब थी। इस दौरान 12 नागरिक मारे गए जबकि 19 जवान शहीद हुए। इसके अलावा 151 लोग घायल हुए थे। हालांकि वर्ष 2018 में पाकिस्तानी सैनिकों ने इसमें एक बार फिर वृद्धि की। वह प्रतिदिन औसतन आठ बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते थे। वर्ष 2018 में 2936 संघर्ष विराम उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए। यही नहीं उस दौरान 61 लोग मारे गए जबकि 250 से अधिक घायल हुए थे। संघर्ष विराम समझौता 2003 में किया गया था जबकि उससे पहले वर्ष 2002 में पाकिस्तानी सैनिकों ने 8376 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
तीन साल सीमा पर नहीं बरसे गोले: संघर्ष विराम को लेकर वर्ष 2003 में हुए समझौते के बाद तीन साल सीमांत लोगों के लिए सुखद रहे। वर्ष 2004, 2005 और 2006 के दौरान सीमा पर एक बार भी गोलाबारी नहीं हुई। हालांकि 2009 के बाद से पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम उल्लंघन में धीरे-धीरे वृद्धि लाई। जम्मू, कठुआ, कुपवाड़ा और बारामूला, सांबा, राजौरी और पुंछ जिलों में सीमा के पास रहने वाले लोग इस गोलाबारी के कारण सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
तीन बार करना पड़ा पलायन: प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान द्वारा आए दिन सीमा पर की जाने वाली अकारण गोलाबारी के कारण सीमांत लोगों को तीन बार सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ा। शिक्षा और कृषि गतिविधियां भी इससे प्रभावित हुईं। संघर्ष विराम उल्लंघन का विवरण देते हुए एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2015 में संघर्ष विराम उल्लंघन के 405 मामले दर्ज किए गए जबकि 2014 में 583, 2013 में 347, 2012 में 114, 2011 में 62, 2010 में 44 और 2009 में 28 मामले दर्ज किए थे। इसी तरह 2008 में 77, 2007 में 21 और 2006 में तीन बार पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
सीमांत इलाकों में 7777 बंकरों का किया गया है निर्माण: जिला राजौरी, पुंछ, जम्मू, सांबा और कठुआ में 7777 बंकरों का निर्माण किया गया है। जम्मू-कश्मीर में संघर्ष विराम उल्लंघन के मद्देनजर सीमावर्ती निवासियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने एलओसी और आईबी के साथ 14,400 भूमिगत बंकरों के निर्माण के लिए 415 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। अन्य बंकरों का निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है।
वर्ष 2003 में भारत-पाक के बीच हुआ था संघर्ष विराम समझौता: स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भारत सरकार ने 26 नवंबर, 2003 को पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौता किया था। यह तय किया गया कि अब न तो भारतीय सेना पाकिस्तानी सीमा में गोलाबारी करेगी और न ही पाकिस्तानी सैनिक भारतीय चौकियों व रिहायशी इलाकों को निशाना बनाएंगे। आपको यह भी बता दें कि भारत पाकिस्तान के साथ 3323 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, जिसमें से आईबी का 221 किलोमीटर और एलओसी का 740 किलोमीटर जम्मू-कश्मीर में पड़ता है।