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    जम्मू जिले में भारी बारिश और बाढ़ ने धोई 26000 हैक्टेयर में लगी फसलें, नुकसान का दायरा 33 प्रतिशत से ऊपर

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 07:20 PM (IST)

    जम्मू जिले में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलों को भारी नुकसान हुआ है। 25850 हेक्टेयर भूमि पर लगी धान मक्की दालें और सब्जियां बर्बाद हो गई हैं। सबसे ज्यादा नुकसान धान और मक्की की फसल को हुआ है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की भी मांग की है।

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    कृषि विभाग नुकसान का आकलन कर रहा है।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। पिछले कुछ दिनों से हुई वर्षा और बाढ़ ने जिले की खेती को जबरदस्त नुकसान पहुंचा दिया है। 25850 हैक्टेयर भूमि में लगी धान, मक्की, बाजरा, दालें, चारा, सब्जियों की फसल वर्षा की भेंट चढ़ गई हैं। इसमें 19441 हैक्टेयर क्षेत्र वो हैं जहां लगी फसलों में नुकसान का दायरा 33 प्रतिशत से ऊपर है।

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    सबसे ज्यादा नुकसान धान और मक्की की फसल को ही हुआ है। जिले में कुल 85864 हैक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल होती है जिसमें से विभिन्न फसलें लगती है। सबसे ज्यादा 46800 हैक्टेयर में धान की फसल लगी मगर इसमें से 11500 हैक्टेयर में लगी खेती वर्षा और बाढ़ की चपेट में आ गई।

    खेत जलमग्न होने से और वहीं नदी नालों की गाद खेतों में चढ़ने से फसल प्रभावित हो गई। बडेयाल, तोप बेल्ट समेत कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां बड़े तौर पर फसलें गाद की चपेट में आने से बर्बाद हो गई हैं।

    जम्मू के कंडी क्षेत्रों में मक्की मुख्य फसल

    जम्मू के कंडी क्षेत्रों में मक्की मुख्य फसल है। आंरभ में हुई वर्षा से मक्की की फसल को अच्छी बल मिला। मगर बाद में यही वर्षा और तेज हवा मक्की की फसल के लिए काल बन गई। बीरपुर, मंडल, पुरमंडल, डंसाल व साथ लगते क्षेत्रों में मक्की की फसल ढह गई।

    जिले में 18740 हैक्टेयर में मक्की की फसल लगती है मगर तकरीबन एक तिहाई फसल को नुकसान पहुंचा है। जिले में 5000 हैक्टेयर में लगी मक्की की फसल आंशिक या पूर्णतया ढह गई। वहीं दालों को भी अच्छा खासा नुकसान पहुंचा। एक हजार हैक्टेयर भूमि में लगी दालें और इतनी ही भूमि में लगा चारा वर्षा का अधिक पानी लगने के कारण बर्बाद हो गया।

    फसल पर नदी की सिल्ट चढ़ गई

    सुडेचक के किसान राजेंद्र सिंह ने बताया कि वर्षा इतनी हो गई कि धान की लगी हुई फसल पर नदी की सिल्ट चढ़ गई। जबकि निचले क्षेत्रों में धान की फसलों में इतनी पानी भर गया कि पौधा कमर से टूट गया। अब सरकार को चाहिए कि किसानों को मुआवजा दे। सौहांजना के किसान कुलभूषण खजूरिया ने कहा कि इस समय माल मवेशी पालने क लिए हरा चारा का संकट बन गया है। पानी और बाढ़ के कारण हरा चारा बर्बाद हो चुका है।

    बाढ़ और वर्षा से किसानों की खेती प्रभावित हुई है। आरंभिक सर्वेक्षण किया गया है और विभिन्न क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी ओर हमारी टीमें फील्ड में हैं और पूरा आंकड़ें जुटाने में लगी हुई है। टीम किसानों के साथ पूरे तालमेल से काम कर रही है। किसानों से हमारी सलाह है कि विभाग द्वारा दर गई गाइडलाइन का पालन करें। कृषि अधिकारियों से संपर्क बनाए रखें। जम्मू जले में 25850 हैक्टेयर में लगी फसलें वर्षा के कारण प्रभावित हुई हैं। -अनिल गुप्ता, कृषि निदेशक जम्मू

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