जम्मू संभाग में हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए इलाज करवाने की राह आसान नहीं, जानिए क्या है वजह
जम्मू संभाग में हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए इलाज आसान नहीं है, क्योंकि मेडिकल कॉलेज जम्मू में ही व्यवस्था है। कैथ लैब में दिक्कत आने पर निजी अस्प ...और पढ़ें

जम्मू में विशेषज्ञ एक और कैथ लैब स्थापित करने की सलाह देते हैं ताकि दूरदराज के मरीजों को सुविधा हो।
रोहित जंडियाल, जम्मू। जम्मू संभाग में हृदय रोग से पीड़ित मरीजों के लिए इलाज करवाने की राह आसान नहीं है। कोई भी सर्जरी या बीमारी का निदान करने के लिए मात्र मेडिकल कालेज जम्मू में ही इलाज की व्यवस्था है। अगर यहां स्थित कैथ लैब में कोई तकनीकी दिक्कत आ जाए तो मरीज पूरी तरह से निजी अस्पतालों पर ही निर्भर रहते हैं।
जम्मू संभाग में पांच सरकारी मेडिकल कालेज हैं। जीएमसी जम्मू के अतिरिक्त राजौरी, कठुआ, डोडा और उधमपुर जिलों में मेडिकल कालेज बने हुए हैं। इसके अतिरिक्त अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान विजयपुर में है। लेकिन इन छह प्रमुख चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में से सिर्फ जीएमसी जम्मूू के सहायक सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल ही में कैथ लैब है। एम्स विजयपुर में अभी तक कैथ लैब स्थापित नहीं हो पाई है।वहीं नए मेडिकल कालेजों में भी कैथ लैब स्थापित करने को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सरकार दावे तो करती है लेकिन कुछ भी नहीं होता।
सरकार के दावे, मरीजों की परेशानी, एक अनंत कहानी
कुछ दिन पहले जब जम्मू के निजी चार आपूर्तिकर्ताओं ने सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में जरूरी हृदय संबंधी उपकरणों व अन्य सामान की सप्लाई को बंद कर दिया तो दो दिनों तक किसी भी मरीज की हृदय संबंधी कोई भी प्रक्रिया नहीं हुई। इसी तरह इसी वर्ष के आरंभ में जब सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में नई कैथ लैब लग रही थी तो करीब तीन महीनों तक सरकारी स्तर पर कोई भी हृदय संबंधी प्रक्रिया नहीं हुई। मरीजों को निजी अस्पतालों में ही इलाज के लिए जाना पड़ता था।
जम्मू के सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में नई कैथ लैब पर 12.5 करोड़ रुपये खर्च आए थे। आज इस लैब में हर दिन 25 से तीस हृदय संबंधी प्रक्रियाएं होती हैं।स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की मंत्री सकीना इट्टू ने इस लैब का उदघाटन करने के बादकहा था कि सरकार जम्मू संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं होता।
जम्मू के एक वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि सरकार को कम से कम एक और मेडिकल कालेज विशेषतौर पर राजौरी या डोडा में कैथ लैब स्थापित करनी चाहिए। यह दूरदराज के क्षेत्र है और वहां के मरीजों को यहां इलाज के लिए आने में परेशानी होती है। उनका कहना है कि एक और कैथ लैब स्थापित होने से मरीजों की दिक्कतें भी कम होगी।
क्या होता है कैथ लैब में
कैथ लैब में हृदय संबंधी बीमारियों के निदान से लेकर इलाज तक की सुविधा होती है। कैथ लैब में कार्डियोलाजिस्ट एंजियोप्लास्टी, स्टेंट प्लेसमेंट, अस्थायी पेसमेकर, स्थायी पेसमेकर, कार्डियक री-सिंक्रोनाइज़ेशन थेरेपी, कार्डियक कैथेटराइजेशन और अन्य कार्डियक प्रोसीजर करते हैं।
सुपर स्पेशियलिटी में इमरजेंसी नहीं
जम्मू के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में जहां हृदय रोगों के इलाज का विभाग है और कैथ लैब भी है, यहां पर इमरजेंसी ही नहीं है। अगर किसी मरीज को चार बजे के बाद हृदय संबंधी समस्या आती है तो उसे जीएमसी जम्मू की इमरजेंसी में जाना पड़ता है। वहां पर हृदय रोग विशेषज्ञों के स्थान पर फिजिशयन ही इलाज करते हैं। कई बार सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इमरजेंसी स्थापित करने की मांग हो चुकी है लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।

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