Health Benefits of Apricot: खुबानी खाने से हड्डियां रहेंगी मजबूत और हाई ब्लड प्रेशर में मिलेगी राहत
Health Benefits of Apricot डॉ. तरण सिंह कहते हैं खुबानी वात और कफ को कम करने में सहायक है। कब्ज को दूर करता है। इसके तेल की मालिश से हड्डियां मजबूत होती हैं और जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।
जम्मू, गुलदेव राज। आडू सा दिखने वाला खट्टा-मीठा फल खुबानी गुणों की खान है। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा होने वाले इस फल का ड्राई फ्रूट (सूखे मेवे) के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य तौर पर लद्दाख, कश्मीर और हिमाचल के कुछ हिस्सों में इसकी बागवानी होती है। संस्कृत में इसे उरूमाण कहा जाता है। इसका वर्णन चरक और सुश्रुत संहिताओं में बादाम व अखरोट आदि के साथ मिलता है। लद्दाख में इन दिनों जगह-जगह खुबानी महोत्सव का आयोजन हो रहा है। इसका उद्देश्य पर्यटन के साथ-साथ खुबानी के उत्पादन व विपणन को बढ़ावा देना है।
विटामिन की प्रचुर मात्रा: आयुर्वेद के अनुसार खुबानी की तासीर गर्म होती है। इसमें विटामिन ए, सी, के व ई प्रचुर मात्र में पाए जाते हैं। सोडियम, पोटैशियम, कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम व फॉस्फोरस आदि भी पाए ही जाते हैं। एंटी ऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। जम्मू के आयुर्वेदाचार्य डॉ. तरण सिंह के अनुसार, खुबानी का बीज बादाम की तरह और काफी गुणकारी होता है। इसके सेवन से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, सांस की बीमारी व उच्च रक्तचाप में भी राहत मिलती है।
हड्डियों को करता है मजबूत: डॉ. तरण सिंह कहते हैं, खुबानी वात और कफ को कम करने में सहायक है। कब्ज को दूर करता है। इसके तेल की मालिश से हड्डियां मजबूत होती हैं और जोड़ों के दर्द से आराम मिलता है।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक: खुबानी में मौजूद फाइबर, पोटैशियम और एंटी ऑक्सीडेंट्स गुणों के कारण डायबिटीज के रोगियों को खुबानी के सेवन की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसमें मौजूद तत्व आपके ब्लड शुगर को बढ़ने न देकर कंट्रोल में रखते हैं।
ऐसे बनता है ड्राई फ्रूट: खुबानी को बहुत दिनों तक संग्रहीत नहीं किया जा सकता। इसलिए स्थानीय स्तर पर इस्तेमाल ज्यादा होता है। बाहर भेजने के लिए पहले इसे ड्राई फ्रूट में बदलना होता है। बीज निकालकर गुदे को डीहाइड्रेटर या ओवन में सुखाया जाता है। इस प्रकार फल के अंदर की नमी खत्म हो जाती है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा और खाया जा सकता है।
बड़े पैमाने पर बागवानी: हॉर्टिकल्चर मार्केटिंग एंड प्लानिंग विभाग के निदेशक दिग्विजय गुप्ता ने बताया कि जम्मू कश्मीर व लद्दाख में लगभग चार हजार हेक्टेयर में खुबानी की बागवानी होती है। करीब सात हजार टन पैदावार होती है। मार्च के आखिर से अप्रैल तक पौधे सफेद-गुलाबी फूलों से लद जाते हैं। जुलाई में फल आता है।
सीमित मात्र में करें सेवन: विशेषज्ञ अधिक मात्र में सूखे खुबानी के सेवन से मना करते हैं। उनका कहना है कि एक दिन में तीन-चार दाने का सेवन काफी होता है। अधिक मात्र में खुबानी खाने से नुकसान भी हो सकता है।
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