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    देश के 28 राज्यों के सबसे ऊंचे शिखरों पर शान से फहराया तिरंगा, एवरेस्टर कर्नल रणवीर की टीम ने रचा इतिहास

    By vikas abrolEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Sat, 14 Oct 2023 04:03 PM (IST)

    देश के सभी 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर सांबा ज़िले के रहने वाले कर्नल रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में निमास टीम ने मिशन हर शिखर तिरंगा (Har Shikhar Tiranga) को सफलतापूर्वक पूरा किया । इस मिशन ने पिछले एक वर्ष में हमारे देश के सभी 28 राज्यों के सबसे ऊंचे शिखरों पर शान से तिरंगा फहराया गया।

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    देश के 28 राज्यों के सबसे ऊंचे शिखरों पर शान से फहराया तिरंगा

    विकास अबरोल, जम्मू। Har Shikhar Tiranga: देश के सभी 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराकर सांबा ज़िले के रहने वाले कर्नल रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में निमास (राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान) के पर्वतारोहियों की टीम ने मिशन हर शिखर तिरंगा (Har Shikhar Tiranga)  को सफलतापूर्वक पूरा किया ।

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    पूरा कर दिखाया असाधारण अभियान

    यह अपनी तरह का अनूठा और असाधारण अभियान था और “आजादी का अमृत महोत्सव” का हिस्सा था, जो भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष और भारत की जी20 अध्यक्षता के उपलक्ष्य में असाधारण अभियान था। इस मिशन ने सभी 28 राज्यों के शिखरों से मिट्टी इकट्ठा कर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की हालिया पहल ‘मेरी माटी, मेरा देश’ को भी सही मायनों में पूरा किया है।

    कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल ने की टीम लीड 

    मिशन हर शिखर तिरंगा टीम में 20 मुख्य सदस्य शामिल थे और इसका नेतृत्व भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहियों में से एक और जम्मू-कश्मीर के निवासी और वर्तमान में निमास के निदेशक, कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल ने किया। इस अभियान को रक्षा मंत्रालय द्वारा समर्थित किया गया था और इस अभियान को पूरे देशभर से अच्छा समर्थन मिला।

    मिशन के दौरान तय की गई तीस हजार किमी की दूरी

    मिशन ने पूरे देश में एक आंदोलन खड़ा कर दिया और कई राज्यों व प्रदेशों में अभियान के लिए कईं लोग टीम में शामिल हुए और जहां भी वे गए लोगों, छात्रों, प्रशासन, स्थानीय अधिकारियों का गर्मजोशी से स्वागत और समर्थन मिला। कईं लोग अपने-अपने राज्यों में इस मिशन में शामिल हुए। कुल मिलाकर इस मिशन ने पिछले एक वर्ष में हमारे देश के सभी 28 राज्यों व प्रदेशों से होते हुए लगभग 30,000 किलोमीटर की दूरी तय की, जिससे यह एक बहुत ही अनोखा और ऐतिहासिक अभियान बन गया।

    अभियान से चोटियों के बारे में जागरूकता फैलाई गई 

    यह अभियान भारत की चोटियों के बारे में जागरूकता फैलाने, विविधता प्रदर्शित करने, साहसिक और पर्वतारोहण को बढ़ावा देने, पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने और भारत के विविध इलाकों, चोटियों और पहाड़ों से दुनिया को परिचित कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया। ये चोटियाँ और पर्वत श्रृंखलाएँ न केवल प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करती हैं, बल्कि ट्रैकर्स और साहसिक प्रेमियों के लिए पसंदीदा गंतव्य भी हैं।

    विभिन्न हस्तियों ने दिया मिशन को समर्थन

    इस अभियान को जनता ने बहुत स्नेह दिया और नामचीन हस्तियों के समर्थन ने मिशन के उद्देश्य को चार चांद लगाए दिए। अनुपम खेर, बछेंद्री पाल, संतोष यादव, मोहित रैना, दर्शन कुमार और गौरव चोपड़ा उन हस्तियों में शामिल थे जिन्होंने टीम की सराहना की और मिशन का समर्थन किया।

    उच्चतम शिखरों का पता लगाया गया 

    कर्नल रणवीर सिंह जम्वाल ने बताया की सबसे बड़ी चुनौती सभी राज्यों व प्रदेशों के उच्चतम शिखरों का पता लगाना था और इस अभियान के मानचित्र को डिजाइन करने में ही लगभग तीन महीने लग गए। इस अप्रत्याशित अभियान को पूरा करना आसान नहीं था और टीम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

    चुनौतियां अनेक फिर भी फहराया तिरंगा

    प्रत्येक चोटी की जलवायु परिस्थितियां अद्वितीय थीं और टीम को कपकपा देने वाली ठंड से लेकर शून्य दृश्यता, खराब कनेक्टिविटी के कारण नेविगेशन संबंधी समस्याएं, भारी वर्षा, हिमस्खलन, खड़ी और फिसलन भरी ज़मीनें, नमी, लीच और जंगली जानवरों के डर जैसी चरम मौसमी परिस्थितियों की चुनौती का सामना करना पड़ा।

    अभियान में शामिल थी पूरे देश की यात्रा

    अभियान में पूरे देश की यात्रा शामिल थी जिसमें कुछ क्षेत्रों में परिवहन की अनुपलब्धता, कई दूरदराज के इलाकों में खराब सड़कें, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां और भाषा बाधाओं के कारण स्थानीय समुदायों के साथ बातचीत जैसी चुनौतियां सामने आईं।

    मिशन के दौरान हुईं कुछ महत्वपूर्ण खोजें

    मिशन के अभियान और अनुसंधान के दौरान कुछ महत्वपूर्ण खोजें भी हुईं। यह पता चला कि माउंट रेओ पुरग्यिल वास्तव में हिमाचल प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है ना की माउंट शिला यान माउंट गया, और पंजाब राज्य की उच्चतम चोटी भी अनाम है जोकि नैना देवी रेंज में स्थित है।

    अभियान का पहला चरण अक्टूबर 2022 को शुरू हुआ

    इस अभियान का पहला चरण अक्टूबर 2022 में शुरू हुआ था जो दिसंबर 2022 में समाप्त हुआ। इस अवधि के दौरान सभी सात उत्तर पूर्वी राज्यों की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराया गया। माउंट गोरीचेन (6509 मीटर)-16 अक्टूबर 2022 को अरुणाचल प्रदेश, माउंट सारामती (3842 मीटर)-19 दिसंबर 2022 को नागालैंड, माउंट आईएसओ (2994 मीटर) – मणिपुर, माउंट तुमजंग (1862 मीटर), असम 23 दिसंबर 2022 को, माउंट फावंगपुई (2185 मीटर) – 25 दिसंबर 2022 को मिजोरम, 28 दिसंबर 2022 को माउंट बेल्टिंगचिप (916 मीटर) – त्रिपुरा और 30 दिसंबर 2022 को शिलांग पीक (1525 मीटर) – मेघालय पर तिरंगा फहराया गया।

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    दूसरा चरण मई 2023 में शुरू हुआ

    दूसरे चरण में, टीम ने मई 2023 के महीने में हिमालयी राज्य हिमाचल प्रदेश से शुरुआत की। 6818 मीटर की ऊंचाई के साथ माउंट रेओ पुरग्यिल पर 22 मई 2023 को 1450 बजे तिरंगा फहराया। उल्लेखनीय है कि इस चोटी पर चढ़ने वाली यह सिर्फ़ दूसरी टीम है और इस चोटी पर चढ़ने का केवल एक ही दर्ज इतिहास है, वह भी वर्ष 1995 में। माउंट कामेट (7756 मीटर) – उत्तराखंड , पर 22 जून 2023 को टीम ने तिरंगा फहराया।

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    तीसरा चरण जुलाई 2023 को हुआ शुरू 

    तीसरे चरण में टीम ने समतल और समुद्रीय राज्यों पर आरोहण शुरू किया और नैना देवी रेंज (1000 मीटर) – पंजाब 30 जुलाई 2023 को, करोह पीक (1499 मीटर) – हरियाणा 31 जुलाई 2023 को, अमसोट पीक (957 मीटर) – उत्तर प्रदेश 31 जुलाई 2023 को, गुरु शिखर (1722 मीटर) – राजस्थान 08 अगस्त को 2023, गिरनार (1145 मीटर) – 10 अगस्त 2023 को गुजरात, धूपगढ़ (1350 मीटर) – 13 अगस्त 2023 को मध्य प्रदेश, कलसुबाई (1646 मीटर) – महाराष्ट्र, 15 अगस्त को सोसोगाड (1022 मीटर) – गोवा 24 अगस्त 2023 को, मुल्लायांगिरी (1925 मीटर) – 26 अगस्त 2023 को कर्नाटक, डोड्डाबेट्टा (2636 मीटर) – 27 अगस्त 2023 को तमिलनाडु, 29 अगस्त को मेसापुलीमलाई (2647 मीटर) केरल, पाताल टोका (826 मीटर) – 03 सितंबर 2923 को तेलंगाना, अरमाकोंडा (1680 मीटर) – 04 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश, 05 सितंबर 2023 को देवमाली (1672 मीटर) – ओडिशा, 06 सितंबर 2023 को गौरलाटा (1276 मीटर) – छत्तीसगढ़, 09 सितंबर 2023 को पारसनाथ (1366 मीटर) – झारखंड, सोमेश्वर किला (880 मीटर) – 10 सितंबर 2023 को बिहार, 11 सितंबर 2023 को संदकफू (3636 मीटर) – पश्चिम बंगाल में किया गया।

    सिक्किम के माउंट जोंगसान्य में तिरंगा फहराकर अभियान संपन्न हुआ

    सबसे अंत में 02 अक्तूबर को माउंट जोंगसॉन्ग (7462 मीटर) – सिक्किम में तिरंगा फहराकर उस टीम ने भारतीय साहसिक खेलों में एक नया इतिहास रच दिया। जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक मिसाल पैदा करेगा। इस टीम ने भारी बारिश और खराब मौसम की स्थिति के बीच सिक्किम में अंतिम चरण को अंजाम दिया । टीम सिक्किम में बादल फटने से आई आपदा से भी बाल-बाल बची।

    एवरेस्टर कर्नल रणवीर जम्वाल ने क्या कहा? 

    इस अभियान की सफलता का श्रेय कर्नल जम्वाल के दृढ़ नेतृत्व, सही योजना, सामूहिक दृढ़ संकल्प और महान टीम वर्क को जाता है। राष्ट्रीय ध्वज और सभी राज्यों के सबसे ऊंची चोटियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए शुरू किया गया “हर शिखर तिरंगा” अभियान जनता की आपसी भावनाओं के साथ गूंजते हुए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में बदल गया। टीम ने सभी 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सबसे ऊँची चोटियों से मिट्टी भी एकत्र की। इस अभियान ने एक इतिहास रचा है और एकता, राष्ट्रवाद और देशभक्ति के मूल्यों की रक्षा और संरक्षण के लिए एक मिसाल भी बनी है।