लेह में पहली बार होगा ग्रीन फिल्म फेस्टिवल, 28 से 30 जुलाई तक चलेगा
लद्दाख के लेह जिले में पहली बार तीन दिवसीय ग्रीन फिल्म फेस्टिवल और फोरम होने जा रहा है। फेस्टिवल 28 से 30 जुलाई तक चलेगा। यह जानकारी दिल्ली सीएमएस वातावरण के डिप्टी डायरेक्टर भारती ने लेह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : लद्दाख के लेह जिले में पहली बार तीन दिवसीय ग्रीन फिल्म फेस्टिवल और फोरम होने जा रहा है। फेस्टिवल 28 से 30 जुलाई तक चलेगा। यह जानकारी दिल्ली सीएमएस वातावरण के डिप्टी डायरेक्टर भारती ने लेह में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
सीएमएस वातावरण पर्यावरण एवं वन्यजीव इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल एंड फोरम पर कार्यरत है। भारती ने कहा कि यह फिल्म फेस्टिवल अपने आपमें अनोखा होगा। इसे केंद्र सरकार के यूएनडीपी-जेफ सिक्योर हिमालया प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है।
कोरोना और जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव विषय पर पैनल चर्चा होगी
इसमें वन्यजीव संरक्षण विभाग, लद्दाख प्रशासन तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सहयोग कर रहा है। सीएमएस वातावरण ट्रेवलिंग फिल्म फेस्टिवल और फोरम की नौवीं शृंखला के तहत चार हिमालयन शहरों उत्तरकाश्ी, गंगटोक, लाहोल स्पीति और लेह में यह फेस्टिवल आयोजित किए जा रहे हैं। इस महोत्सव का उद्देश्य वनों के संरक्षण को फिल्मों के माध्यम से बढ़ावा देना है। इस फेस्टिवल और फोरम के माध्यम से विभिन्न हितधारकों, जिनमें केंद्र सरकार, मीडिया, संरक्षण के लिए काम करने वाले संगठनों, विशेषज्ञों, शिक्षाविद्, युवाओं तथा आम जनता के बीच पहुंचना और उन्हें हिमालय को सुरक्षित बनाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देना है।
इस फेस्टिवल में सिंधु संस्कृति भवन सभागार में 28 और 29 जुलाई को पुरस्कृत और लद्दाख पर आधारित फिल्म दिखाई जाएंगी। इन फिल्म के विषय पर्यावरण मुद्दे, जल संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, वन सरंक्षण होंगे। 30 जुलाई को कोरोना महामारी और इसका जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव विषय पर पैनल चर्चा होगी। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया के संरक्षण की भूमिका पर क्षमता निर्माण कार्यशाला भी होगी। सीएमएस डीजी डा. वसंती राव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को लेकर लद्दाख बहुत ही संवेदनशील क्षेत्र है। इसके संरक्षण के लिए हर किसी को योगदान देने की जरूरत है। इससे लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ रहा है।