जम्मू-कश्मीर में युवाओं के लिए रोजगार के साधन पैदा करे सरकार, बेरोजगारी से परेशान युवा
समाज सेवी तेजेंद्र सिंह ने कहा कि दो साल पहले अनुच्छेद 370 खत्म करते ही जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। इस हिसाब से यहां पर रोजगार के साधन बढ़ने चाहिए। सरकारी हो या प्राइवेट आज रोजगार ही उपलब्ध नही हो पा रहा।
जम्मू, जागरण संवाददाता । केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर समाज सेवी तेजेंद्र सिंह ने गहन चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में रोजगार के अवसर कम हुए हैं। कोरोना महामारी का तो असर रहा ही है मगर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी रोजगार के नए अवसर उपलब्ध नहीं कराए। ऐसे में युवाओं में निराशा बन रही है।
समाज सेवी तेजेंद्र सिंह ने कहा कि दो साल पहले अनुच्छेद 370 खत्म करते ही जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया। इस हिसाब से यहां पर रोजगार के साधन बढ़ने चाहिए। सरकारी हो या प्राइवेट, आज रोजगार ही उपलब्ध नही हो पा रहा। नई भर्तियां खुलकर नहीं हो रही हैं जबकि प्राइवेट सेक्टर का पहले ही कोरोना महामारी के कारण बुरा हाल है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर का पढ़ा-लिखा युवा परेशान है।
तेजेंद्र सिंह ने कहा कि आज हजारों युवाओं को तुरंत रोजगार की जरूरत है। कोरोना महामारी के कारण नौकरी खो चुके युवाओं को फिर से नौकरी पेशे में लाना होगा। केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर प्रशासन को चाहिए कि इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करे। जम्मू-कश्मीर में कईं हाइड्रो प्रोजेक्ट चल रहे हैं, इन संस्थानों में स्थानीय युवाओं को नौकरियां दी जाएं। विभिन्न विभागों में लगे कैजुअल कर्मियों को आज स्थायी किए जाने की जरूरत है।
अगर सरकार ने युवाओं के मन की बात को नहीं सुना तो यही युवा आने वाले समय में सरकार के लिए संकट बनकर आएंगे। इसलिए सरकार को चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में युवाओं को दिशा देने की दिशा में काम करे। बड़े तौर पर भर्ती अभियान चलाएं जाएं जिसके माध्यम इन युवाओं को नौकरियां दी जाएं। तेजेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने का लाभ अभी तक स्थानीय युवाओं को नही मिल पाया है। इनको सरकारी या प्राइवेट नौकरियों पर लगाया जाए।
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