सरकारी दफ्तर खुले, लंबित काम निपटाने में जुटे कर्मचारी
सरकारी कार्यालय खुले लेकिन नहीं हुई पब्लिक डीलिग
जागरण संवाददाता, जम्मू : लॉकडाउन के बीच सोमवार को शहर में सरकारी कार्यालय तो खुल गए, लेकिन इन कार्यालयों में पब्लिक डीलिग का कोई काम नहीं हुआ। कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या भी काफी कम थी। वैसे भी शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए कार्यालयों में एक तिहाई स्टाफ को ही बुलाया गया था।
सोमवार को अधिकतर कार्यालयों को खोलने से पहले ही सैनिटाइज भी कर लिया गया था, जबकि कुछ कार्यालयों के बाहर सैनिटाइज टनल भी बनाई गई थी, जहां से गुजर कर कर्मी अंदर पहुंचे। कार्यालय पहुंचे कर्मियों का कहना था कि पहले वे लंबित काम निपटाएंगे। उसके बाद लोगों से जुड़े जरूरी कार्यों को शुरू करेंगे। कई दिनों से बंद रहने के कारण कार्यालयों में लंबित कार्यों को निपटाने में वक्त लगेगा जबकि कार्यालय खुलने का इंतजार कर रहे लोग भी जल्द से जल्द अपना काम करवाना चाहते हैं। सरकारी कार्यालयों में पहुंचे कर्मचारियों ने मुंह पर मास्क लगा रखे थे जबकि अंदर भी वे शारीरिक दूरी का पालन करते हुए दूरी बनाकर बैठे थे। कार्यालयों में कर्मचारियों को रोस्टर बनाकर बुलाया जा रहा है। अभी मात्र उन्हीं कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है जिनकी आवश्यकता अधिक है और जिनका कार्यालयों को आपात काम निपटाने में जरूरत है।
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घर जाने की अनुमति लेने डीसी और डिवकाम दफ्तर पहुंचे फंसे लोग
जागरण संवाददाता, जम्मू: दफ्तर खुलने पर सोमवार को सबसे ज्यादा भीड़ डिप्टी कमिश्नर (डीसी) और डिवकाम कार्यालय में दिखी। इनमें अधिकतर ऐसे लोग थे जो लॉकडाउन होने से जम्मू में फंस गए थे। अब वे अनुमति लेकर अपने अपने गृह जिलों में जाना चाहते हैं। वे पहले डिप्टी कमिश्नर कार्यालय अनुमति लेने गए थे लेकिन वहां से उन्हें डिवकाम कार्यालय भेज दिया गया और जब वे डिवकाम कार्यालय पहुंचे तो यहां उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। इस दौरान कुछ गुज्जर समुदाय के लोग भी वहां पर खड़े थे। उनका कहना था कि वे अपने मवेशियों को लेकर पहाड़ों पर अपने डेरों में जाना चाहते हैं। वे अनुमति लेने आए ताकि अपने मवेशियों को पैदल या गाड़ी पर ले जाया जा सके।
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सरकारी दफ्तर खुलने से नाकों पर लगा जाम
जागरण संवाददाता, जम्मू: सोमवार को सरकारी कार्यालयों के खुलते ही शहर में गाड़ियों की आवाजाही भी बढ़ गई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट तो बंद रहा, लेकिन निजी वाहनों की संख्या सड़कों पर अचानक बढ़ने से पुलिस के चेकिग नाकों पर जाम भी लगा। सरकारी कार्यालयों के खोले जाने से पहले जिला मजिस्ट्रेट की ओर से कर्मियों को पास जारी किए गए थे। कार्यालयों से मिली सूची के मुताबिक जिला मजिस्ट्रेट ने कर्मचारियों के नाम पर मूवमेंट पास जारी किए थे। पुलिस नाकों पर हर गाड़ी को रोक कर मूवमेंट पास की जांच करने के बाद ही उनको आगे जाने दिया गया। कई कर्मचारियों ने बताया कि उनको मूवमेंट पास नहीं मिला है। वे कार्यालय पहुंचेगे तो उनके पास मिलेंगे। ऐसे में पुलिस कर्मियों ने उनके पहचान पत्र देखकर उनको जाने दिया।
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