गुलाम नबी आजाद और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र रैना को हाईकोर्ट का अल्टीमेटम, 4 हफ्ते में खाली करें सरकारी आवास
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने गुलाम नबी आजाद और भाजपा नेता रविंद्र रैना को सरकारी आवास खाली करने का सख्त आदेश दिया है। अदालत ने उन्हें चार सप्ताह का अंतिम समय दिया है। संपत्ति विभाग के नोटिस के बाद भी आवास खाली न करने पर हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया और यह निर्देश जारी किया।

अब इस मामले में अब आगे कोई नई तारीख नहीं दी जाएगी।
जेएनएफ, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद और पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र रैना के सरकारी आवासों के संबंध में एस्टेट विभाग को उनके कब्जे वाले सरकारी आवासों को खाली कराने के लिए चार सप्ताह का अंतिम समय दिया है।
हाईकोर्ट ने कहा कि विभाग को यह अंतिम मोहलत दी जाती है ताकि वो समिति की सिफारिशों पर उचित निर्णय ले और हाईकोर्ट को सूचित करें। पूर्व मंत्रियों, नेताओं से सरकारी आवास खाली करवाने की मांग को लेकर एडवाेकेट शेख शकील की ओर से दायर इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने एस्टेट विभाग को निर्देश दिया कि वह दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में निर्धारित समिति की सिफारिशों पर चार सप्ताह के भीतर अंतिम निर्णय ले।
एस्टेट विभाग की ओर से तर्क दिया गया कि नगरोटा व बडगाम में उपचुनाव के चलते चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इस पर बेंच ने स्पष्ट किया कि अब चुनाव आचार संहिता समाप्त हो चुकी है और अब इस मामले में अब आगे कोई नई तारीख नहीं दी जाएगी।
चीफ जस्टिस अरुण पल्ली व जस्टिस राजनेश ओसवाल की बेंच ने कहा कि निर्धारित समिति की सिफारिशों पर कार्रवाई करने में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में आगे की सुनवाई 23 दिसंबर 2025 को करेंगे, जो अंतिम होगी।
इस मामले में याचिकाकर्ता शेख शकील अहमद ने तर्क दिया था कि निर्धारित समिति की बैठक फरवरी-मार्च 2025 में हुई थी, लेकिन आठ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ पूर्व नेताओं ने अभी भी सरकारी आवासों पर कब्जा जमाया हुआ है।

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