Target Killing का षड्यंत्र रच रहे थे चार आतंकी, अलगाववादी एजेंडे को चला रहा था खुद को पत्रकार बताने वाला तालिब
प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने शुक्रवार को जम्मू स्थित विशेष अदालत में लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। यह चारों आतंकी प्र ...और पढ़ें

जम्मू, राज्य ब्यूरो : प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने शुक्रवार को जम्मू स्थित विशेष अदालत में लश्कर-ए-तैयबा के चार आतंकियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। यह चारों आतंकी प्रदेश में विशेषकर राजौरी, रियासी और माहौर में आतंकी हमलों में शामिल थे। आरोपितों में एक तथाकथित पत्रकार तालिब हुसैन शाह भी शामिल है। तालिब के बारे में कहा जाता है कि वह भाजपा की युवा इकाई का सदस्य है, लेकिन भाजपा ने इससे इन्कार किया है।
आतंकी नेटवर्क मजबूती के लोगों की कर रहे हैं भर्ती
दो आरोपित पाकिस्तान में छिपे हैं, जबकि एक अन्य फैसल अहमद डार है जो इस समय तालिब हुसैन के साथ जेल में ही है। एसआइए को तालिब के कुछ और साथियों का भी पता चला है। इनकी भी गिरफ्तारी जल्द हो जाएगी। जांच में पता चला कि तालिब ने पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलरों के निर्देश पर रामबन-डोडा-किश्तवाड़ और राजौरी-पुंछ में आतंकी नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए कई स्थानीय युवकों को भी आतंकी संगठन में भर्ती किया। वह अल्पसंख्यकों पर हमले व उनकी हत्या में भी शामिल है। वह जम्मू कश्मीर में अलगाववादी एजेंडे पर काम कर रहा था। वह आतंकी नेटवर्क को तैयार कर सुरक्षाबलों पर हमले की साजिश में लगा हुआ था। तालिब हुसैन शाह मूलत: राजौरी जिले का रहने वाला है।
मामला माहौर पुलिस स्टेशन में दर्ज था
राजौरी में हुए विभिन्न बम धमाकों में अपनी भूमिका के उजागर होने के बाद वह वहां से फरार होकर रियासी के माहौर इलाके में छिप गया था। उसे उसके एक साथी फैसल अहमद डार संग माहौर में ग्रामीणों ने जुलाई में पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। शुरू में यह मामला माहौर पुलिस स्टेशन में दर्ज था। बाद में इसे एसआइए के जम्मू स्थित थाने में स्थानांतरित किया गया था।
आतंकियों ने खून खराबा करने का रचा था षड्यंत्र
एसआइए ने राजौरी में हुए बम धमाकों और पुंछ में एक मुठभेड़ की जांच में पाया कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी मोहम्मद कासिम और जिया उल रहमान ने जम्मू कश्मीर में खूनखराबा करने का एक षड्यंत्र रचा। यह दोनों आतंकी मूलत: जम्मू कश्मीर के ही रहने वाले हैं। आतंकी बनने के बाद यह काफी दिन प्रदेश में सक्रिय रहे। इसके बाद पाकिस्तान भाग गए थे। यह दोनों वहीं से अपना नेटवर्क चलाते हैं और आतंकियों को हथियार भेजते थे। इस तरफ तालिब हुसैन शाह अपने साथियों संग मिलकर पाकिस्तान से भेजे गए हथियारों को प्राप्त कर आतंकियों तक पहुंचाने का काम करता था।

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