राहगीरों के लिए नहीं, वाहनों के लिए फुटपाथ; परेड, रेजीडेंसी रोड में फुटपाथ बना पार्किंग, जोखिम में जान
परेड और रेजीडेंसी रोड पर फुटपाथ वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बन गए हैं, जिससे राहगीरों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अवैध पार्किंग के कारण यातायात बाधित हो रहा है और दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे राहगीरों में आक्रोश है।

शहर के व्यस्त बाजारों के आसपास पार्किंग स्थल की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। शहर के रेजीडेंसी रोड और परेड में फुटपाथ राहगीरों के लिए न रहकर वाहनों को खड़ा करने का स्थान बनकर रह गए हैं। नगर निगम की अनुमति के साथ यहां वाहनों की पार्किग के कारण लोग जान जोखिम में डाल कर सड़कों पर चलने को मजबूर होते हैं।
परेड क्षेत्र में रणवीर हायर सेकेंडरी के पीछे के मार्ग पर हर समय फुटपाथ पर वाहन खड़े रहते हैं। अधिकतर वाहन परेड मंडी के दुकानदारों और स्टेडियम तथा बाजार आने वाले लोगों के रहते हैं। पार्किंग की सुविधा के अभाव में यहां वाहनों को खड़ा किया जाता है।
पुलिस कंट्रोल रूम के बिलकुल सामने बनी यह पार्किंग किसी भी तरीके से जायज नजर नहीं आती लेकिन वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह नहीं होने पर लोगों के पास कोई चारा नहीं रह जाता। नगर निगम और पुलिस की सहमति के चलते ही यह वाहन यहां खड़े रहते हैं।
उधर रेजीडेंसी रोड में लाखों रुपये खर्च कर बढ़िया फुटपाथ बना हुआ है लेकिन इस पर दो पहिया वाहनों को खड़ा कर दिया जाता है। यहीं बस नहीं फुटपाथ के साथ सड़क पर पार्किंग बना दी गई है। साफ है कि जब फुटपाथ पर चलने के लिए जगह नहीं होगी तो लोग खड़े वाहनों के पीछे यानि सड़क के बीचोंबीच चलने को मजबूर होंगे। वहीं दुकानदार भी चाहते हैं कि वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किंग स्थलों का निर्माण किया जाए।
पंजतीर्थी, बस स्टैंड में है पार्किंग
पुराने शहर में वाहनों के जाम से निपटने के लिए पंजतीर्थी और बस स्टैंड में बहुमंजिला पार्किंग बनी हुई हैं। इसके अलावा कच्ची छावनी, सिटी चौक, सचिववालय के नजदीक पार्किंग बनी हुई हैं। बस स्टैंड में 213 करोड़ रुपये की लागत से पार्किंग बनी जिसमें 1312 कारों व 177 दो पहिया वाहन खड़े करने की व्यवस्था है। वहीं पंजतीर्थी में 34 करोड़ रुपये की लागत से बहुमंजिला पार्किंग बनी है और इसमें 300 वाहनों को खड़ा किया जा सकता है।
क्या कहते हैं लोग
‘यह तो हद ही है कि वाहनों को फुटपाथों पर खड़ा किया जा रहा है और लोग सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। सरकार सड़कों को क्यों बेचने पर तुली हुई है। वाहनों के लिए मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण किया जाना चाहिए। यह गलत है।’ -राजेंद्र सिंह रंधावा, समाज सेवक
‘सड़कें बेच कर पैसे कमाने में जुटे जम्मू नगर निगम को ऐसी व्यवस्था बंद करनी चाहिए। वाहनों को सिर्फ पार्किंग में ही खड़े करने की अनुमति हो। अलबत्ता कहीं जरूरी हो तो कुछ कर्मी लगाकर 15-20 मिनट की अनुमति दी जा सकती है।’ -कोमल सचदेवा, निवासी बाहुफोर्ट
‘परेड में तो पूरा फुटपाथ ही पार्किंग बनकर रह गया है। कोई पूछने वाला नहीं। परेड में मल्टी स्टोरी पार्किंग बनाई जा सकती है। ऐसे प्रोजेक्ट क्यों नहीं बन पा रहे। इच्छाशक्ति का अभाव नजर आ रहा है। जनहित में फैसले लिए जाने चाहिए।’ -हरदीप सिंह, निवासी डिग्याना
‘सरकार को चाहिए कि जम्मू में बहुमंजिला पार्किंगों का निर्माण करे। शहर में जगह-जगह सड़क किनारों पर पीली लाइनें डाल कर पार्किंग बनाना अजीब लगता है। जब प्रशासन खुद इस तरह की कार्रवाई करेगा तो लोग क्या ही करें।’ -बलवीर कुमार, निवासी रेशमघर
क्या कहते हैं अधिकारी
‘पार्किंग स्थल के अभाव में परेड और रेजीडेंसी रोड किनारे वाहनों को खड़ा करने की अनुमति दी गई थी। प्रशासन, ट्रैफिक विभाग के साथ मिलकर ही विगत में यह निर्णय लिए गए हैं। कोशिश जारी है कि जम्मू में और बहुमंजिला पार्किंगों का निर्माण किया जाए। फुटपाथों को खाली करवाने के लिए रूटीन में अभियान चलाए जाते हैं। त्यौहारी सीजन के चलते इस समय थोड़ी राहत प्रदान की गई है।’ -सुबह मेहता, ज्वाइंट कमिश्नर, रेव्न्यू एंड इंफोर्समेंट, जम्मू नगर निगम

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