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    Jammu Division की फुटबाल एसोसिएशनों ने कार्यकारी समिति के चुनावों का बहिष्कार करने की घोषणा की, जानिए क्या है विवाद

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Fri, 10 Jun 2022 07:53 PM (IST)

    जम्मू संभाग में फुटबाल की ढांचागत सुविधाओं के विकास के मामले में भी उपेक्षा की जाती है। हद तो यह है कि पिछले तीन वर्षो से जेकेएफए ने जम्मू संभाग में कोई गतिविधि नहीं की है। जम्मू संभाग को एक पैसा तक नहीं दिया गया है।

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    2019 में संतोष ट्राफी के लिए चयन में हुई धांधलियों के विरोध में जम्मू इकाई ने त्यागपत्र दे दिया था।

    जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू संभाग के सभी जिलों की चयनित जिला एसोसिएशनों ने 12 जून को होने वाली जम्मू-कश्मीर फुटबाल एसोसिएशन की कार्यसमिति के चुनावों का बायकाट करने की घोषणा की है। इसकी घोषणा जम्मू संभाग के पदाधिकारियों ने जेकेएफए के पूर्व कोषाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बंटी के नेतृत्व में शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में की। इस दौरान मौजूद सभी लोगों का कहना था कि जम्मू से लगातार भेदभाव किया जा रहा है ताकि जम्मू से फुटबाल को खत्म किया जा सके। जम्मू को फंड्स देने में भारी भेदभाव किया जाता है। इसके अलावा टीमों के चयन में भी जम्मू संभाग की अनदेखी की जाती है।

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    जम्मू संभाग में फुटबाल की ढांचागत सुविधाओं के विकास के मामले में भी उपेक्षा की जाती है। हद तो यह है कि पिछले तीन वर्षो से जेकेएफए ने जम्मू संभाग में कोई गतिविधि नहीं की है। जम्मू संभाग को एक पैसा तक नहीं दिया गया है। जबकि कश्मीर में लगातार प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है। जम्मू की जिला इकाई का वर्ष 2019 से कोई हेड नहीं है। वर्ष 2019 में संतोष ट्राफी के लिए चयन में हुई धांधलियों के विरोध में जम्मू इकाई ने त्यागपत्र दे दिया था। उसके बाद लगातार चुनाव करवाने की मांग होती रही, लेकिन हमेशा टालमटोल होता रहा। हमेशा यही कोशिश होती रही कि जम्मू में फुटबाल को कमजोर किया जाए। यहां कोई खिलाड़ी न निकलने पाए।

    इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि पुराने 11 क्लबों को जेकेएफए की सूची से निकाल कर वोट की राजनीति के चक्कर में सात फर्जी क्लबों को जेकेएफए की मतदान सूची में शामिल कर लिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि फुटबाल की ढांचागत सुविधाओं के मामले में जम्मू से हमेशा भेदभाव होता रहा है। कश्मीर में पिछले दस वर्षो से एस्ट्रो टर्फ पर खेल हो रहा है जबकि जम्मू वाले आज भी इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं।

    उपराज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग : सभी सीनियर सदस्यों ने मांग की है कि उपराज्यपाल स्वयं मामले में हस्तक्षेप करें और 12 जून को रखे गए चुनावों को जल्द स्थगित करवा कर सभी जिलों की एसोसिएशनों की परेशानियों के समाधान के बाद ही चुनाव करवाने का निर्णय लिया जाए। जम्मू के फुटबाल को बचाने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाने चाहिए नहीं तो फुटबाल खिलाड़ियों और फुटबाल का भविष्य जम्मू में अंधकार में है। संवाददाता सम्मेलन में भाग लेेने वालों में कई वरिष्ठ राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मौजूद थे, जिनमें कुलदीप सिंह, रमेश चंद्र, मोहन लाल, फेस्टस सोत्रा, चरणप्रीत सिंह बग्गा, भारत भूषण, मून स्टेफन, अरुण जसरोटिया, शकील अहमद, वरेंद्र सिंह, राहुल दत्ता, ओवेस गनेई, राजेंद्र सेन, साेहेब जिलानी, रमेश खन्ना, राजेश सुंब्रिया, रोनी, यैलप, संजय कुमार शामिल थे।