Amarnath Yatra 2022 : बेहतर समन्वय से अमरनाथ यात्रा काे सुरक्षित बनाने की सुरक्षा बलों की अग्निपरीक्षा शुरू
श्री बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने की सेना व अन्य सुरक्षाबलों की अग्निपरीक्षा शुरू हो गई है। इस बार यात्रा को कामयाब बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी है। यात्रा की सुरक्षा में इस बार दुश्मन के ड्रोन व स्टिकी बम भी चुनौती हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में आतंकियों व उनके समर्थकों के मंसूबों को नाकाम बनाकर श्री बाबा अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाने की सेना व अन्य सुरक्षाबलों की अग्निपरीक्षा शुरू हो गई है। इस बार यात्रा को कामयाब बनाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी है। यात्रा की सुरक्षा में इस बार दुश्मन के ड्रोन व स्टिकी बम भी चुनौती हैं। ऐसे में यहां कश्मीर में यात्रा के दोनों मार्गों पर एंटी ड्रोन टेक्नालीजी तैनात की गई है।
वहीं स्टिकी बम के खतरे से निपटने के लिए अतिरिक्त नाके, रोड़ ओपनिंग पार्टियों के साथ क्विक रिएक्शन टीमों को भी सक्रिय बनाया गया है। सर्तक जवानों के साथ 130 खोजी कुत्ते आइईडी व स्टिकी बम को खोज निकालने के लिए मैदान में हैं। इसके साथ आधुनिक ड्रोन हवा से यात्रा मार्ग की पूरी निगरानी करेंगे। यात्रा के पहले दिन जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में तलाशी अभियान चलाए गए।
अमरनाथ यात्रा को कामयाब बनाने के लिए सेना, सुरक्षा बलों, जम्मू कश्मीर पुलिस, खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों से लेकर जमीनी सतह पर तैनात अधिकारियों में पूरा समन्वय रहेगा। गृह मंत्रालय को विश्वास में लेकर देश के दुश्मनों के बारे में मिलने वाली हर खुफिया जानकारी को साझा कर संयुक्त प्रहार होंगे। एकीकृत मुख्यालय व उसके बाद हुई कोर ग्रु़प मुख्यालय की बैठकाें में बनी इस रणनीति की तहत यात्रा के दौरान आतंकवादियों पर कड़े प्रहार कर उन्हें बिलों में छिपने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा। शीर्ष अधिकारी अपने नियमित दौरों से जमीनी सतह पर आतंकविरोधी अभियान को धार देंगे। अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोधी तंत्र को और पुख्ता बनाया गया है।
सेना के अधिकारी नेे पुंछ में नियंत्रण रेखा का निरीक्षण किया : इस रणनीति के तहत यात्रा के पहले दिन सेना की सोलह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल मनजिन्द्र सिंह ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा का दौरा कर घुसपैठ को नाकाम बनाने के प्रबंधों का जायजा लिया। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आइजी आपरेशन एमएस भाटिया ने पवित्र गुफा का दौरा कर जमीनी पर सुरक्षाबलों की तैनाती का निरीक्षण कर जोर दिया कि बेहतर समन्वय से दुश्मन को नाकाम बनाया जाए।
यह तय है कि अमरनाथ यात्रा के 43 दिन देशविराेधी तत्वाें के लिए बुरे रहने वाले हैं। इसकी पूरी तैयारी की गई है। सुरक्षा के प्रबंधों को पुख्ता बनाने के लिए प्रदेश में गृहमंत्रालय ने सुरक्षाबलों की 350 के करीब अतिरिक्त कंपंनियां तैनात कर रखी हैं। ये अतिरिक्त सुरक्षा बल प्रदेश में पहले से काम कर रहे सुरक्षाबलों को सहयोग दे रहे हैं। समय-समय पर संयुक्त बैठकें कर सुरक्षा ग्रिड को और पुख्ता बनाया जाएगा।
सुरक्षित यात्रा के लिए कई महीने से चल रही थी तैयारी : सेना के एक अधिकारी ने जागरण को बताया कि यात्रा के लिए मजबूत सुरक्षा ग्रिड बनाया गया है। सुरक्षाबल व जम्मू कश्मीर पुलिस यात्रा मार्ग, आधार शिविर की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। वहीं आस पास की पहाड़ियों पर तैनात सेना एरिया डामिनेशन करेगी। सीमा पर घुसपैठ पर पूरी तरह से रोक लगाने के साथ भीतरी इलाकों में सक्रिय आतंकियों व उनके समर्थकों के खिलाफ अभियान चलेंगे। यात्रा को सुरक्षित बनाने की सेना की तैयारी मई महीने में ही तेज हो गई थी।
थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कश्मीर का दौरा कर किए जा रहे सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया था। इसके बाद थलसेना उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू , उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी व सभी कोर कमांडी लगातार दौरे कर सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा कर रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त महानिदेशक पीवी रामासास्त्री ने भी जम्मू दौरा कर अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा का निरीक्षण किया था।
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