'कश्मीरियों के लिए श्रीनगर वंदे भारत लाइफ लाइन', फारूक अब्दुल्ला ने ट्रेन में की यात्रा; बोले- विकास का खुला रास्ता
नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर तक रेल नेटवर्क का विस्तार विकास और रोजगार लेकर आ रहा है। सर्दियों में वंदे भारत रेलसेव ...और पढ़ें
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फारूक अब्दुल्ला ने ट्रेन में की यात्रा। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने साेमवार को कहा कि कश्मीर तक रेल नेटवर्क का विस्तार सिर्फ विकास और रोजगार ही लेकर नहीं आ रहा है, बल्कि सर्दियों में वंदे भारत रेलसेवा के साथ यह पूरा नेटवर्क हम कश्मीरियों के लिए नयी जवीन रेखा बनकर उभरा है।
उन्होंने कहा कि सर्दियों में हिमपात और भूस्खलन से जब सड़क श्रीनगर-जम्मू सड़क संपर्क कट जाता है, घने कोहरे के कारण श्रीनगर का हवाई संपर्क कट जाता है तो ऐसे में रेलसेवा हमारे लिए सबसे बड़ी राहत बन रही है।
आज शाम को कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत रेल सेवा से यात्रा करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि रेलनेटवर्क कश्मीरियों के लिए एक नयी राहत लेकर आया है। वंदे भारत रेल सेवा तो हम कश्मीरियों के लिए जीवनरेखा बन गई है, अब चाहे हिमपात हो या भूस्खलन से सड़क बंद हो, घने कोहरे से हवाई यातायात बाधित हो, यह रेल सेवा बहाल रहेगी। रेल सेवा यात्रियों, छात्रों, मरीज़ों और व्यापारियों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प है।
नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि बेहतर रेल कनेक्टिविटी न केवल खराब मौसम के दौरान लोगों को सुरक्षित यात्रा करने में मदद करेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी मज़बूत करेगी और ज़रूरी सामानों की आसान आवाजाही सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा कि अब रेल से यहां सिमेंट, सरिया, औद्योगिक सामान भी पहुंचने लगा है, हमारे फल व्यापारियों का माल भी यहां से रेल के जरिए ही बाहर जाने लगा है। उन्होंने कहा कि घाटी के लिए भरोसेमंद ट्रांसपोर्ट संपर्क बहुत जरुरी था और यह रेलसंपर्क उसी जरुरत को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब सर्दियों में कश्मीर शेष देश से अलग थलग नहीं रहेगा।
उन्होंने कश्मीर में हिमपात से जुड़े सवाल पर कहा कि बेशक हिमपात से यहां कई मुश्किलें पैदा होती हैं,लेकिन यह हमारे लिए एक वरदान भी है। हम खुदा से दुआ करते हैं कि यहां और ज्यादा हिमपात हो। हिमपात अगर अच्छा होगा तो हमारी नदियों, नालों और झीलों में पानी रहेगा, हमारे पहाड़ो ंपर ग्लेशियर बने रहेंगे, यहां खेतों में फसलें अच्छी होंगी, यहां हिमपात देखने के लिए दुनियाभर के लोग आएंगे और यहां रोजगार चलगा।

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