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पीएम मोदी से फारूक अब्दुल्ला के मिलने पर उठे सवाल- अचानक इस मुलाकात की कुछ तो वजह होगी: लोन

PM Modi पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने डॉ. फारूक और उमर की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अचानक हुई इस मुलाकात की कुछ तो वजह होगी।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 03:26 PM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 10:52 AM (IST)
पीएम मोदी से फारूक अब्दुल्ला के मिलने पर उठे सवाल- अचानक इस मुलाकात की कुछ तो वजह होगी: लोन
पीएम मोदी से फारूक अब्दुल्ला के मिलने पर उठे सवाल- अचानक इस मुलाकात की कुछ तो वजह होगी: लोन

जम्‍मू,जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मुलाकात की इस मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हमने पीएम मोदी से कहा कि रियासत में कोई ऐसे कदम न उठाए जाएं, जिससे वहां की स्थिति खराब हो हमने 35ए और 370 का भी मामला उठाया साथ ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की मांग की। पर पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने डॉ. फारूक और उमर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर सवाल उठाए हैं। 

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अचानक इस मुलाकात की कुछ तो वजह होगी : लोन

पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने डॉ. फारूक और उमर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अचानक हुई इस मुलाकात की कुछ तो वजह होगी। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब कश्मीर में अनुच्छेद 35ए पर कश्मीर केंद्रित सियासत करने वाले मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दल डॉ. फारूक अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह कर रहे हैं।

लोन ने ट्वीटर पर लिखा है कि खबरें मिल रही हैं कि उमर और फारूक ने प्रधानमंत्री के साथ 35ए पर चर्चा की है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात करने और उससे पूर्व एक सर्वदलीय बैठक का विकल्प क्यों नहीं अपनाया गया, सभी को इनकी उम्मीद थी। क्या यह सिर्फ मौके का फायदा उठाने का प्रयास है या फिर आर्थिक अपराधों के लिए क्षमायाचना के लिए है। मासूम कश्मीरियों को इस मुलाकात की वजह कभी पता नहीं चलेगी।

जानकारी हो कि अनुच्छेद 35ए भंग करने की अटकलों के बीच वीरवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में नेशनल कांफ्रेंस का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला। नेकां नेताओं ने मौजूदा हालात से रूबरू कराते हुए जल्द विधानसभा चुनाव कराने और राज्य से जुड़े संवैधानिक मुद्दों को अदालत व निर्वाचत सरकार पर छोड़ने का आग्रह किया। प्रतिनिधमंडल में नेकां उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और अनंतनाग के सांसद हसनैन मसूदी शामिल थे। करीब एक घंटे तक प्रधानमंत्री से बैठक चली। बैठक के बाद उमर ने कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हुई है।

डॉ. अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि जम्मू कश्मीर में एक साल से निर्वाचित सरकार नहीं है। इस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन है। इससे कई प्रशासनिक व संवैधानिक मामलों में दिक्कतें पैदा हो रही हैं। निर्वाचित सरकार न होने की स्थिति में जनता के कई मुद्दे लटके हैं। इसलिए राज्य में जल्द सर्दियों के आगमन पर या उससे पहले विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रधानमंत्री को उचित कदम उठाने चाहिए। उमर ने 35ए का हवाला देते हुए कहा कि हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि कोई भी ऐसा कदम न उठाया जाए जिससे रियासत में विशेषकर कश्मीर के हालात बिगड़ें। हमने उनसे अदालत में विचाराधीन मामलों को अदालत के विवेक पर छोड़ने और अन्य मुद्दों के समाधान को राज्य में किसी निर्वाचित सरकार पर छोड़ने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गंभीरता के साथ हमारे पक्ष को जाना है। प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर की बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास और सहयोग का यकीन दिलाया है।

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