जम्मू में 24 साल बाद नकली पासपोर्ट मामले में रवि चंद्रन बरी, पढ़ें रिहाई को लेकर क्या बोली अदालत
जम्मू की एक अदालत ने 24 साल पुराने नकली पासपोर्ट और स्टाम्प मामले में रवि चंद्रन को आरोप मुक्त कर दिया है। वर्ष 2001 में रवि चंद्रन समेत कई लोगों पर नकली स्टाम्प बनाने का आरोप था जिनका इस्तेमाल पासपोर्ट में फर्जी फोटो बदलने के लिए किया जा रहा था। अदालत ने पाया कि रवि चंद्रन के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है

जागरण संवाददाता, जम्मू : नकली पासपोर्ट और स्टाम्प मामले में प्रधान सत्र न्यायाधीश वाईपी. बैरनी की अध्यक्षता में अदालत ने 24 वर्ष बाद आरोपित रवि चंद्रन उर्फ रवि को आरोप मुक्त किया है। वर्ष 2001 में कई आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिनमें फारूक अहमद शेख, हबीब उल्लाह मलिक, गुलाम अहमद मीर, मोहम्मद अयूब हाजी और रवि चंद्रन शामिल थे।
आरोपियों पर नकली रबर स्टाम्प तैयार करने का आरोप लगाया गया था, जिनपर केंद्र सरकार के अक्षर अंकित थे। आरोप था कि इन स्टाम्प का इस्तेमाल पासपोर्ट में फर्जी तरीके से फोटो बदलने के लिए किया जा रहा था। वहीं 24 वर्षों से जारी इस मामले में अदालत ने पाया कि रवि चंद्रन के खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं था जो उन्हें नकली स्टाम्प तैयार करने में शामिल होने की पुष्टि करता हो।
कुछ गवाहों ने उसे मोहम्मद अयूब के साथ जाने का उल्लेख किया, लेकिन किसी ने भी रवि चंद्रन की प्रत्यक्ष भागीदारी की पुष्टि नहीं की। इसके अलावा अदालत ने पाया कि जांच अधिकारी ने पासपोर्ट कार्यालय से विवादित स्टाम्प की सत्यता की पुष्टि नहीं की। इस मामले में अन्य सह-आरोपियों को पहले ही बरी कर दिया गया था। अदालत ने माना कि रवि चंद्रन के खिलाफ कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है।
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