डीएफए की चेतावनी, जब्त-रिजेक्ट और एक्सपायर हो चुका खाना नदियों व प्राकृतिक जल स्रोतों में फेंका तो खैर नहीं
जम्मू और कश्मीर में डीएफए ने चेतावनी दी है कि जब्त, रिजेक्ट और एक्सपायर हो चुके खाने को नदियों और प्राकृतिक जल स्रोतों में फेंकने पर सख्त कार्रवाई की ...और पढ़ें

ऐसा करने से जल प्रदूषण का खतरा बढ़ सकता है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन ने शुक्रवार को ज़ब्त, रिजेक्ट और एक्सपायर हो चुके खाने के सामान को वैज्ञानिक और ज़िम्मेदार तरीके से ठिकाने लगाने के लिए एक विस्तृत सलाह जारी की है। यह कदम हाल ही में ऐसी रिपोर्ट्स के बाद उठाया गया है जिनमें बताया गया था कि ऐसे सामान को नदियों और दूसरे प्राकृतिक जल स्रोतों में गलत तरीके से फेंका जा रहा है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट 2006 के प्रावधानों और एफएसएसएआइ द्वारा जारी गाइडलाइंस को दोहराते हुए सलाह में सभी डेजिग्नेटेड अधिकारियों, फूड सेफ्टी अधिकारियों और एन्फोर्समेंट टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे पर्यावरण को नुकसान, स्वास्थ्य जोखिम और असुरक्षित खाने के सामान के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए मंज़ूर डिस्पोज़ल प्रक्रियाओं का सख्ती से पालन करें।
विभाग ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि ज़ब्त किए गए, रिजेक्ट किए गए या एक्सपायर हो चुके खाने के सामान और उनकी पैकेजिंग को नदियों, झीलों, प्राकृतिक जल निकायों या खुली ज़मीन में फेंकना सख्त मना है।
ऐसा करने की दी गई सलाह
सलाह में एनफोर्समेंट टीमों को मंज़ूर किए गए निपटान के तरीकों को अपनाने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के अनुसार अधिकृत इंसिनरेटर, तय सैनिटरी लैंडफिल में निपटान, स्थानीय नगर निकायों, पंचायतों या अन्य वैधानिक अधिकारियों के साथ मिलकर सर्टिफाइड यूनिट्स के ज़रिए बायोडिग्रेडेबल कचरे की खाद बनाना या एनारोबिक डाइजेशन से निपटान कर सकते हैं।
सभी निपटान गतिविधियों की वीडियो रिकार्डिंग दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में की जानी चाहिए। काम पूरा होने के बाद सुपरवाइज़िंग अधिकारी को नामित अधिकारी को निपटान का सर्टिफिकेट जमा करना होगा जिसकी कापी कमिश्नर आफ़ फ़ूड सेफ़्टी और संबंधित फ़ूड बिज़नेस आपरेटर को भी देनी होगी।
वैकल्पिक निपटान सुविधाओं की पहचान करें
डेजिग्नेटेड अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सही इंसिनरेशन, कम्पोस्टिंग या वैकल्पिक निपटान सुविधाओं की पहचान करें और लिस्ट फूड सेफ्टी कमिश्नर के साथ शेयर करें। ज़्यादा मात्रा में निपटान के लिएए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ कोआर्डिनेशन करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा डेजिग्नेटेड अधिकारियों को अगले महीने की तीन तारीख तक फूड सेफ्टी कमिश्नर को मासिक निपटान कम्प्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।