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    जम्मू कश्मीर के मदरसों में रंग-स्केचबुक से महिला सशक्तीकरण की मिसाल-ए-कश्मीर पेश हो रही

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Mon, 09 May 2022 06:05 PM (IST)

    वह मदरसों में बच्चों काे पेंटिंग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। मुंबई की कलाकार नागी जम्मू के एक सैन्य परिवार से है। लंदन के स्लेड स्कूल आफ फाइन आर्ट की स्नातक नागी कश्मीर में मिसाल-ए-कश्मीर कार्यक्रम चला रही हैं।

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    मिसाल-ए-कश्मीर सेंटर में महिलाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में भी काम हा रहा है।

    श्रीनगर, संवाद सहयोगी : जम्मू कश्मीर के मदरसों में रंग, स्केचबुक से महिला सशक्तीकरण की मिसाल-ए-कश्मीर पेश हो रही है। मुंबई की चित्रकार रूबल नागी बच्चों को पेंटिंग के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का संदेश देने के लिए प्रेरित कर रही है।

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    नागी का माना है कि रंग , बच्चों में कमाल कर सकते हैं। वह मदरसों में बच्चों काे पेंटिंग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। मुंबई की कलाकार नागी जम्मू के एक सैन्य परिवार से है। लंदन के स्लेड स्कूल आफ फाइन आर्ट की स्नातक नागी कश्मीर में मिसाल-ए-कश्मीर कार्यक्रम चला रही हैं। अब तक 800 से अधिक पेंटिग बना चुकी नागी ने देश, विदेश में 150 चित्रकला प्रदर्शनियों का आयोजन किया है। उनका मानना है कि कश्मीर एक अपार संभावनाओं वाली भूमि है। उनका कहना है हमे ब्रश के जरिए सुबह की चमक व मुस्कान पेश करनी चाहिए। 

    रूबल नागी अपनी टीम के साथ वटलाव, संग्रामा, हंदवाड़ा, लंगेट जैसे दूरदराज इलाकों के साथ पुलवामा के ग्रामीणों इलाकों तक पहुंच रही है। इस दौरान वह बच्चों को कला के बारे में शिक्षा देने के साथ्र रंगों की भाषा के बारे में भी सिखा रही है।

    इस दौरान उनकी कोशिश रहती है कि इस अभियान के माध्यम से महिलाओं को स्वयंरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाए। मिसाल-ए-कश्मीर सेंटर में महिलाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है।

    उत्तरी कश्मीर के वटलाब में मिसाल सेंटर का निगत रमजान चला रही हैं। उनका कहना है कि काफी महिलाएं उनके सेंटर में आकर सिलाई, बुनाई सीख रही हैं। कई बार हम उन्हें काम देते हैं, कई बार उन्हें बाहर से ही काम मिल जाता है। वही नागी का कहना है कि यह सफर गत वर्ष मार्च में शुरू हुआ था।

    उन्होंने बताया कि लड़कियों के मदरसे में जाने पर जब उन्हें रंगों के साथ मजा करते हुए देखा तो मुझे प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि उनका अभियान वर्ष 2018 के मिसाल इंडिया कार्यक्रम का एक हिस्सा है।