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    Jammu Kashmir: पाक के एतराज के बावजूद रतले पनबिजली परियोजना का काम रहेगा जारी

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    Updated: Tue, 26 Jan 2021 07:13 AM (IST)

    जम्मू कश्मीर में चिनाब दरिया पर 850 मेगा वाट की जलविद्युत परियोजना के निर्माण पर पाकिस्तान ने एतराज जताया है। पाकिस्तान ने इसे सिंधु जल नदी समझौते का उल्लंघन बताया है। प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय जलविद्युत निगम को केंद्र ने इस परियोजना पर काम जारी रखने के लिए कहा है।

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    जम्मू कश्मीर में चिनाब दरिया पर 850 मेगा वाट की जलविद्युत परियोजना के निर्माण पर पाकिस्तान ने एतराज जताया है।

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो/एजेंसी : जम्मू कश्मीर में चिनाब दरिया पर 850 मेगा वाट की जलविद्युत परियोजना के निर्माण पर पाकिस्तान ने एतराज जताया है। पाकिस्तान ने इसे सिंधु जल नदी समझौते का उल्लंघन बताया है। पाकिस्तान के एतराज के बावजूद केंद्र ने रतले परियोजना के निर्माण को गति देने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी) को केंद्र ने इस परियोजना पर काम को जारी रखने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गत सप्ताह हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में चिनाब दरिया पर रतले जलविद्युत परियोजना को मंजूरी दी गई है।

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    जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में चिनाब दरिया पर 5281.94 करोड़ के निवेश से एनएचपीसी और जम्मू कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन (जेकेपीडीसी) संयुक्त रूप से रतले परियोजना को तैयार करेंगे। इसमें एनएचपीसी की 51 फीसद और जेकेपीडीसी की 49 फीसद हिस्सेदारी है। केंद्र सरकार जेकेपीडीसी की हिस्सेदारी के 776.44 करोड़ रुपये का सहयोग भी देगी। यह अहम परियोजना पाच साल में तैयार हो जाएगी। भारत-पाकिस्तान के बीच 1960 में हुए सिंधु जल नदी समझौते के तहत भारत सिर्फ रावी, ब्यास और सतलुज दरिया के पानी का पूरा इस्तेमाल करेगा जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को मिलेगा। पाकिस्तान अक्सर चिनाब, झेलम और सिंधु पर बनाई जाने वाली जलविद्युत परियोजनाओं पर एतराज जताता आया है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत इन नदियों का पानी रोक लेता है। पाकिस्तान ने चिनाब दरिया पर निर्माणाधीन पकलदुल, रतले, लोअर कलनेई जलविद्युत परियोजनाओं व इनके लिए बनाए जाने वाले बाध के डिजाइन पर एतराज जताय है।

    पाकिस्तान ने रतले परियाजना और पकलदुल के अलावा लद्दाख में सिंधु दरिया पर बनाई जा रही कुछ परियोजनाओं पर भी एतराज जताया है। उसने इस सिलसिले में विश्व बैंक के समक्ष अपनी आपत्तिया दर्ज कराते हुए इन परियोजनाओं का निर्माण रुकवाने की अर्जी डाली है। एतराज का परियोजनाओं पर असर नहीं प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, पाकिस्तान के एतराज से रतले परियोजना समेत जम्मू कश्मीर में जारी किसी भी परियोजना पर कोई असर नहीं होगा। किसी भी परियोजना में सिंधु जल नदी समझौते का उल्लंघन नहीं किया गया है। पाकिस्तान पहले भी एतराज जता चुका है। उसके इंजीनियर और वरिष्ठ अधिकारी कई बार जम्मू कश्मीर में आकर इन परियोजनाओं के कामकाज का जायजा लेकर गए हैं। 2019 में आए थे पाकिस्तानी विशेषज्ञ अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2019 में केंद्र ने पाकिस्तान के विशेषज्ञों को जम्मू संभाग में चिनाब बेसिन में निर्माणाधीन और निíमत परियोजनाओं का निरीक्षण करने की अनुमति दी थी। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने वापस लौटने पर पकलदुल परियोजना की डिजाइन को दोनों मुल्कों के बीच समझौते के विपरीत बताया था। पाकिस्तान का दावा है कि भारत जानबूझकर बाधों की ऊंचाई को बढ़ाकर पानी रोक लेता है। ऐसा कर वह पाकिस्तान में जल संकट पैदा करता है और किसी भी समय पानी को अचानक छोड़ पाकिस्तान में बाढ़ पैदा कर सकता है।