Updated: Sat, 20 Sep 2025 05:30 AM (IST)
तिहाड़ जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद ने 48 घंटे की भूख हड़ताल का एलान किया। उन्होंने इस हड़ताल को भारत और पाकिस्तान की पाखंडपूर्ण राजनीति के खिलाफ प्रतीकात्मक विरोध बताया। राशिद ने कहा कि दोनों देश क्रिकेट के तमाशे से जनता को गुमराह कर रहे हैं और कश्मीरियों के बलिदानों को अनदेखा कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों से कश्मीरियों के मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील की।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता इनाम उन नबी ने तिहाड़ जेल में बंद शुक्रवार को बारामुला से सांसद इंजीनियर के लिखे एक पत्र को सार्वजनिक किया।
इस पत्र में इंजीनियर राशिद ने शनिवार सुबह 11 बजे से शुरू होकर अधिकतम 48 घंटे तक चलने वाली भूख हड़ताल की घोषणा की है।
अपने पत्र में इंजीनियर राशिद ने इस भूख हड़ताल को एक प्रतीकात्मक विरोध करार देते हुए कहा कि यह भारत और पाकिस्तान दोनों सरकारों की पाखंडपूर्ण राजनीति के खिलाफ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों देश एशिया कप जैसे नकली क्रिकेट तमाशे के जरिए जनता को गुमराह कर रहे हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर के लोगों की कुर्बानियों और तकलीफों को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
इंजीनियर राशिद ने कहा कि 1989 से अब तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 70,000 लोगों की जानें जा चुकी हैं, और इसके लिए दोनों देशों की दुश्मनी जिम्मेदार है, जबकि दोनों एक जैसे वंश, मूल, परंपराएं और मूल्य साझा करते हैं।
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जम्मू कश्मीर के लोग किसी भी चीज के तुलना में शांति चाहते हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इस क्षेत्र को अवैध राजनीतिक प्रयोगों के लिए प्रयोगशाला बना दिया है।
जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा क्यों नहीं सुन सकते?
उन्होंने सवाल उठाया कि जब भारत और पाकिस्तान क्रिकेट खेल सकते हैं, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक साथ दिखाई दे सकते हैं और ट्रैक- टू पर बातचीत कर सकते हैं, तो फिर वे जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा क्यों नहीं सुन सकते।
पत्र में इंजीनियर राशिद ने दोनों देशों के सिविल सोसाइटी, न्यायपालिका, मीडिया और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे केवल भाषणबाजी से ऊपर उठकर जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक और मानवाधिकारों का सम्मान करें।
उन्होंने पाकिस्तान पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले वहां कश्मीरी नेताओं को भारतीय एजेंट कहा जाता था, और अब वही पाकिस्तानी नेता भारतीय क्रिकेटरों से हाथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी जीत को ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित किया।
इंजीनियर राशिद ने लिखा कि यह भूख हड़ताल भारत और पाकिस्तान की जनता की अंतरात्मा को जगाने के लिए है ताकि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के निरंतर दुखों और उनके वैध राजनीतिक और मानवाधिकारों के इनकार को समझें।
यह पत्र उनके कानूनी सलाहकारों एडवोकेट विख्यात ओबेरॉय और एडवोकेट जावेद हुब्बी के साथ-साथ उनके परिवार को भी भेजा गया है।
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