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    जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़, एक जवान के घायल होने की सूचना

    Updated: Thu, 22 May 2025 12:29 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है। पुलिस के अनुसार यह मुठभेड़ चटरू इलाके के सिंहपोरा में हुई ...और पढ़ें

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    Jammu Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एनकाउंटर जारी (जागरण फोटो)

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, किश्तवाड़ के चटरू के अंतर्गत सिंहपोरा इलाके में सुरक्षाबलों का सामना आतंकियों के साथ हुआ है। मौजूदा समय में दोनों ओर से फायरिंग जारी है। मुठभेड़ में एक सिपाही के घायल होने की सूचना है।

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    इससे पहले 16 मई को कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर में केलार, शोपियां और त्राल में दो अलग-अलग अभियानों के तहत छह आतंकवादियों को मार गिराया गया। यह अभियान जम्मू और कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ मिलकर भारतीय सेना द्वारा चलाया गया था।

    कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी के मद्देनजर यहां तैनात सभी सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीतियों की समीक्षा की। रिव्यू के दौरान ऑपरेशन पर गहन ध्यान केंद्रित किया गया। इस गहन ध्यान और समन्वय के आधार पर, हमने पिछले 48 घंटों में दो सफल ऑपरेशन किए, जिसके दौरान हमें महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली। ये दो ऑपरेशन शोपियां और त्राल क्षेत्रों के केलार में किए गए जिसमें कुल छह आतंकवादियों को मार गिराया गया। हम कश्मीर घाटी में आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    -वीके बिरदी, महानिरीक्षक

    उधर, राजौरी जिले के मेंढर सेक्टर में हाल ही में संघर्ष विराम उल्लंघन और सीमा पार से गोलाबारी के बाद भारतीय सेना ने सीमावर्ती गांवों में प्रभावित नागरिकों की सहायता के लिए डोर-टू-डोर मानवीय राहत अभियान शुरू किया।

    युद्ध के मैदान से परे राष्ट्रीय सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए सेना के जवानों ने व्यवधान से प्रभावित परिवारों को खाद्य आपूर्ति, दवाइयां और चिकित्सा सहायता सहित आवश्यक सहायता प्रदान की।

    एलओसी के पास वाले इलाकों में पहुंचे जवान

    चुनौतीपूर्ण इलाके और आगे की शत्रुता के लगातार खतरे के बावजूद, सैनिक नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब स्थित दूरदराज के इलाकों में पहुंचे।

    स्थानीय नागरिक प्रशासन के समन्वय में चलाए गए राहत अभियान में विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए स्वास्थ्य जांच और मनोवैज्ञानिक सहायता भी शामिल थी। सेना की चिकित्सा टीमों ने घायलों और कमजोर लोगों की समय पर देखभाल सुनिश्चित की उन्हें उपचार और आराम दोनों प्रदान किए।

    हर घर में वर्दीधारी सैनिकों ने व्यक्तिगत रूप से जाकर न केवल आपूर्ति की, बल्कि उन्हें आश्वासन और सहानुभूति भी दी। उनकी मौजूदगी ने तनाव में जी रहे समुदायों में सुरक्षा और एकजुटता की भावना पैदा की।

    यह पहल जम्मू - कश्मीर के संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों की सहायता करने के लिए सेना के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। अस्थायी चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। निरंतर सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावित परिवारों की निरंतर निगरानी की जा रही है।