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    Amarnath Yatra में खलल डालने की फिराक में आतंकी, एलओसी पर बार-बार कर रहे घुसपैठ का प्रयास

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 12:40 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी घुसपैठ की साजिश रच रहे हैं लेकिन सुरक्षाबल सतर्क हैं। पिछले तीन हफ़्तों में राजौरी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तीन बार घुसपैठ की कोशिशें हुईं जिनमें से दो केरी में और एक तारकुंडी में हुई। सुरक्षाबलों ने घुसपैठ को रोकने के लिए जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। सेना ने घुसपैठ में मदद करने वाले एक गाइड को भी पकड़ा है।

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    जम्मू-कश्मीर की सीमा पर मुस्तैद सुरक्षाबल के जवान। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में जारी वार्षिक अमरनाथ यात्रा के बीच खलल डालने के लिए आतंकी संगठन लगातार साजिश रच रहे हैं। यात्रा को प्रभावित करने के लिए ये आतंकवादी एलओसी पर लगातार घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं परंतु सीमा पर मुस्जैद सुरक्षाबलों के जवान उनकी हर साजिश को नाकायाब बनाए हुए हैं।

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    पिछले तीन सप्ताह के दौरान राजौरी क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार तीन घुसपैठ के प्रयासों ने सुरक्षाबलों को चौकस कर दिया है। जवानों ने घुसपैठ को रोकने के लिए जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी है।

    अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजौरी क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तीन घुसपैठ के प्रयास हुए हैं, जिनमें से दो केरी में और एक तारकुंडी में हुआ। जिसके बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब के गांवों में घुसपैठ के प्रयास का तत्काल जवाब देने के लिए जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है।

    राजौरी पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नियंत्रण रेखा (एलओसी) केरी क्षेत्र में पहली घुसपैठ की कोशिश 13 जून को की गई थी। भारी हथियारों से लैस चार आतंकवादियों के एक समूह ने बारात गाला से घुसपैठ करने की कोशिश की, लेकिन हमारे सतर्क सुरक्षाबलों ने सभी प्रयास विफल कर दिए। इस दौरान सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी भी हुई। माना जा रहा है कि गोलीबारी में दो से तीन घुसपैठिए घायल भी हो गए थे। हालांकि वे नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर वापस लौटने में सफल रहे।

    दूसरी घुसपैठ की कोशिश 23 जून को की गई जब तीन भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने केरी इलाके में नियंत्रण रेखा से घुसने की कोशिश की। इस कोशिश को भी नाकाम कर दिया गया और घुसपैठियों को वापस खदेड़ दिया गया।

    तीसरी और नवीनतम घुसपैठ की कोशिश 29 जून को हुई जब एक बार फिर चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों का एक समूह राजौरी के पास तारकुंडी से घुसने की कोशिश कर रहा था। इसे भी नाकाम बना दिया गया।

    इस घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन में पीओजेके के दातोटे गांव से आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद करने वाले एक गाइड को सेना और बीएसएफ ने पकड़ लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि जब आतंकवादी वापस भाग रहे थे, उस समय वे खाई में गिर गए और सभी घायल हो गए।

    घुसपैठ की इन तीन कोशिशों पर प्रतिक्रिया देते हुए आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एलओसी पर घुसपैठ की संभावनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद युद्ध की स्थिति के बाद से भारतीय सेना सीमा पर पहले से ही कड़ी निगरानी रख रही है। लगातार घुसपैठ की इन कोशिशों के बाद व्हाइट नाइट कोर के अंतर्गत आने वाले अखनूर से लेकर पुंछ तक पूरी एलओसी पर सुरक्षा व्यवस्था को यथासंभव उच्चतम स्तर पर अलर्ट कर दिया गया है।

    आधिकारिक सूत्रों ने यह भी कहा कि मौजूदा घुसपैठ रोधी उपायों को सभी पहलुओं में मजबूत किया गया है। संभावित बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) हमलों को नाकाम करने के उपायों को भी मजबूत किया गया है। एलओसी के साथ-साथ घुसपैठ से जुड़ी किसी भी स्थिति पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए घुसपैठ के सभी मार्गों पर भी आंतरिक बलों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।