Jammu Kashmir : ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पहाड़ चढ़ माेबाइल सिग्नल तलाशते हैं शिमशा गांव के बच्चे
कारगिल के शिमशा गांव से मोबाइल सिग्नल नदारद है। थक-हार कर गांव के बच्चे सिग्नल की तलाश में एक किलोमीटर ऊपर पहाड़ चढ़कर ऑनलाइन शिक्षा हासिल कर रहे हैं। हालांकि शिमशा गांव के पास एयरटेल के टावर तो लगे हैं लेकिन सिग्नल नहीं मिलने के कारण लोग परेशान हैं।
जम्मू, राज्य ब्यूराे : कारगिल के शिमशा गांव से मोबाइल सिग्नल नदारद है। थक-हार कर गांव के बच्चे सिग्नल की तलाश में एक किलोमीटर ऊपर पहाड़ चढ़कर ऑनलाइन शिक्षा हासिल कर रहे हैं। हालांकि शिमशा गांव के पास एयरटेल के टावर तो लगे हैं, लेकिन सिग्नल नहीं मिलने के कारण लोग परेशान हैं। कोरोना संक्रमण से उपजे हालात में स्कूल बंद हैं और मोबाइल टावर नहीं मिलने से ऑनलाइन पढ़ाई भी बाधित होती है। जबकि मौजूद हालात ऑनलाइन पढ़ाई ही एकमात्र विकल्प है। ऐसे में जब सिग्नल नहीं मिला तो बच्चों ने गांव से दूर ऐसी जगह तलाश ली, यहां पर सिग्नल मिलता है और वे किसी तरह पढ़ पाते हैं।
अब हर रोज काफी संख्या में बच्चे पत्थरों पर बैठकर पढ़ाई कर लद्दाख के दूरदराज इलाकों में बेहतर संचार व्यवस्था के दावे करने वालाें की पोल खोलते हैं। शिमशा गांव के लोगों का कहना है कि मोबाइल सिग्नल नहीं होने का मुद्दा कारगिल जिले में एयरटेल के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने भी उठाया गया, लेकिन मसले का समाधान करने की दिशा में कोई कार्यवाही नहीं हुई। कारगिल के जगैंग बारो गांव के लोगों का भी आरोप है कि मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है।
उनका कहना है कि इस मसले के बारे में डिप्टी कमिश्नर से लेकर सांसद तक सबको पता है, लेकिन अभी तक मोबाइल नेटवर्क दुरुस्त करवाने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। कोरोना महामारी के दौरान इस परिस्थिति में बच्चे भला कितनी बेहतर पढ़ाई कर पाएंगे। कारगिल के साथ लेह के दूरदराज इलाकों में भी मोबाइल नेटवर्क न होने से ऑनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लेह के स्लाकजिंगलिंग, एगलिंग, अप्पर चांग्सपा, लोअर तुकचा, चोगलमसर में भी मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है।
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