जम्मू-कश्मीर में घरेलू हिंसा के मामलो में 121 प्रतिशत का उछाल, वन स्टॉप सेंटर कैसे बने महिलाओं की ढाल?
जम्मू-कश्मीर में घरेलू हिंसा के मामलों में पिछले दो सालों में काफ़ी वृद्धि हुई है। पिछले वित्तीय वर्ष में 121 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सरकार ने महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए हैं, जो चिकित्सा, कानूनी और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करते हैं। ये केंद्र हेल्पलाइन नंबरों के साथ एकीकृत हैं ताकि संकटग्रस्त महिलाओं को तत्काल मदद मिल सके।

जम्मू-कश्मीर में घरेलू हिंसा के मामलों में 121 प्रतिशत की वृद्धि (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षों में घरेलू हिंसा के 2800 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में दर्ज घटनाओं में 121 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गुरुवार को विधानसभा में यह जानकारी दी गई।
हब्बाकदल से नेशनल कान्फ्रेंस विधायक शमीम फिरदौस के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए समाज कल्याण मंत्री सकीना इटू ने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के लिए वन स्टाप सेंटर और मिशन शक्ति डैशबोर्ड पर 2872 घरेलू हिंसा के मामले दर्ज किए गए।
इनमें से 893 मामले 2023-24 में दर्ज किए गए जबकि 1979 मामले 2024-25 में दर्ज किए गए। आंकड़ों के अनुसार 2023-24 की तुलना में पिछले वित्तीय वर्ष में अतिरिक्त 1086 घरेलू हिंसा के मामले दर्ज किए गए जोकि एक वर्ष में 121.61 प्रतिशत की वृद्धि है।
सरकार ने कहा कि महिलाओं के लिए वन स्टाप सेंटर जिन्हें सखी केंद्र के रूप में जाना जाता है, मिशन शक्ति निदेशालय के तहत कार्यरत हैं। ये केंद्र 2018 से जम्मू-कश्मीर में संचालित हो रहे हैं और संकटग्रस्त महिलाओं को चिकित्सा सहायता, मनोसामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता, अस्थायी आश्रय और पुलिस सहायता जैसी सहायता प्रदान करते हैं।
मंत्री ने कहा कि ये केंद्र वर्तमान में टोलफ्री नंबरों 181 महिला हेल्पलाइन सेवा और 112 आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली के साथ एकीकृत हैं। सरकार ने कहा कि इन केंद्रों को घरेलू हिंसा, साइबर उत्पीड़न, छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, दुष्कर्म आदि की घटनाओं से प्रभावित महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व सौंपा गया है।

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