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    जम्मू के पहाड़ों और जंगलों में छिपे हो सकते हैं 50 से भी ज्यादा आतंकी! हेलीकॉप्टर और ड्रोन से खंगाला जा रहा चप्पा-चप्पा

    Updated: Tue, 16 Jul 2024 05:25 PM (IST)

    डोडा में आतंकी हमले में चार सुरक्षाबल बलिदान हो गए। हमले के बाद से ही हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए जंगलों का चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है। इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स संगठन ने ली है। जब आतंकियों का सामना सुरक्षाबलों के साथ हुआ तो उस दौरान उन्होंने भागने की कोशिश की मगर सेना के जवानों ने बिना जान की परवाह किए उनका पीछा जारी रखा।

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    Doda Encounter: डोडा आतंकी हमले में चार जवान बलिदान हुए

    डिजिटल डेस्क, कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के डोडा में सोमवार रात को सुरक्षाबलों की आंतकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इस बीच कैप्टन समेत चार जवान बलिदान हो गए।

    लेकिन अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने अपने अदम्य साहस से दुश्मन के नाकों चने चबा दिए जवानों ने पूरे जोश और बहादुरी के साथ आतंकियों का सामना किया।

    उन्होंने घने जंगलों और इलाकों की परवाह किए बगैर आतंकियों का पीछा किया और उनके खात्मे के लिए अंत तक अभियान से जुड़े रहे।

    बृजेश थापा के नेतृत्व में चला तलाशी अभियान

    मिली जानकारी के अनुसार, जवानों को करीब आठ बजे इनपुट मिला कि डोडा के अंतर्गत धारी गोटे उरारबागी के इलाकों में आंतकवादी हैं। सेना में कैप्टन बृजेश थापा के नेतृत्व में तलाशी अभियान चलाया। इस बीच आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई।

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    उस दौरान आतंकियों ने भागने की कोशिश की, जवानों ने उनका पीछा जारी रखा। इसी बीच सोमवार रात करीब नौ बजे फिर मुठभेड़ शुरू हुई।

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    जिसमें चार जवान घायल हो गए और आज इलाज के दौरान सुबह कैप्टन समेत अन्य जवान बलिदान हो गए। बलिदानियों में कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बिजेंद्र और सिपाही अजय और एक जवान जम्मू-कश्मीर पुलिस का शामिल था।

    कश्मीर टाइगर्स संगठन ने ली जिम्मेदारी

    इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नामक एक आतंकी संगठन ने ली है। इसी संगठन ने कठुआ आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी ली थी।

    मौजूदा समय में आतंकियों की तलाश के लिए सुरक्षाबल-चप्पे-चप्पे पर तैनात। ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद से जंगल खंगाले जा रहे हैं। ऐसी आशंका है कि जम्मू की पहाड़ी इलाके में 50 से 60 आतंकी छिपे हो सकते हैं।

    हेलीकॉप्टर और ड्रोन से खंगाले जा रहे जंगल

    भारतीय सेना विदेशी आतंकियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चला रही है। जवान उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ और भद्रवाह क्षेत्रों और उसके बाद कश्मीर घाटी में घुसपैठ कर रहे हैं। कठुआ क्षेत्र में भी इसी तरह के ऑपरेशन लगातार किए जा रहे हैं।

    एनकाउंटर में ढेर आतंकियों से बरामद भारी मात्रा में हथियार व अन्य सामग्री से पता चलता है कि इनमें दुश्मन एजेंसियों की संलिप्तता का पता चलता है। पीर पंजाल पर्वतमाला के उत्तर में कश्मीर क्षेत्र में इसी तरह की खुफिया जानकारी आधारित और क्षेत्र वर्चस्व अभियान जारी हैं।

    आतंकियों से बरामद हुई हथियारों की खेप

    हाल ही में 14 जुलाई को कुपवाड़ा क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकवादियों को बड़ी मात्रा में युद्ध सामग्री के साथ मार गिराया।

    अधिकारियों ने कहा कि हमें अपने चार बहादुर सैनिकों के बहुमूल्य जीवन की हानि पर गहरा दुख है जिन्होंने कर्तव्य की राह पर सर्वोच्च बलिदान दिया है।

    उत्तरी कमान की सभी संरचनाएं जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के अभिशाप को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसके लिए निरंतर अभियान जारी रहेंगे।

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