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    जम्मू में 20 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा दिवाली पर्व, इस शुभ मुहूर्त में किया जाएगा लक्ष्मी-गणेश पूजन

    By Lalit Kumar Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 12:41 PM (IST)

    जम्मू में दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा शुभ मुहूर्त में की जाएगी, जिसका विशेष महत्व है। मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। दिवाली को लेकर जम्मू में तैयारियां जोरों पर हैं, और बाजार सज गए हैं। 

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    पूजन में गुलाब और कमल के फूल का इस्तेमाल करें।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। प्राचीन शिव मंदिर बिश्नाह से महामंलेश्वर अनूप गिरी महाराज ने बताया कि इस वर्ष दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा। दिवाली का पर्व रात्रि में अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है इस वर्ष सोमवार को पूरी रात अमावस्या है।

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    अगले दिन 21 अक्टूबर मंगलवार को अमावस्या शाम को 5.55 बजे ही समाप्त हो जाएगी। इसलिए सोमवार 20 अक्टूबर को ही दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा।

    लक्ष्मी जी की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 7.10 से रात्रि 9 बजे तक रहेगा।

    पूजा में क्या करें

    -घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर पूजा करें। सभी लोग नए वस्त्र धारण करें। लक्ष्मी जी की पूजा में चांदी के वर्क की मिठाई का उपयोग न करें। लकड़ी के पटले पर लाल चमकीला कपड़ा बिछाएं। उस पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति या फोटो रखें। पूजन में गुलाब और कमल के फूल का इस्तेमाल करें।

    फल, मिठाई, बताशे, पंचमेवा आदि का भोग लगाएं। मिट्टी के दीपक जलाएं। पूजन में कपूर अवश्य जलाएं। लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से करें। यह रोशनी का त्योहार है घर के पास के मंदिर में भी पूजा करें, दीप जलाएं। घर के पास कोई सूना मकान हो तो उसमें भी दीपक जलाएं।

    कुआं, तालाब, चौराहे पर भी दीप जलाएं। इसके अलावा अपने व्यवसाय स्थल पर भी लक्ष्मी जी का पूजन करें। बही खातों का भी पूजन करें। संभव हो तो दिवाली से नए बही खाते का उपयोग करें। दिवाली के दिन अपनी सामर्थ्य अनुसार गरीबों को भोजन, कपड़े, पटाखे, मिठाई, दक्षिणा आदि दें।

    दिवाली पूरी धूमधाम से मनायें। बच्चों को अपने निर्देशन में पटाखे चलवायें। ऐसा कोई काम न करें जिससे स्वयं को या किसी और को नुकसान हो। नशा न करें, जुआं न खेलें।

    सभी के करने के लिए

    दिवाली के दिन हल्दी चावल का गंगाजल से पेस्ट बनाकर मकान दुकान के मुख्य द्वार पर, तिजोरी, वाहन आदि पर कोई शुभ चिन्ह, स्वस्तिक, शुभ-लाभ आदि बनायें। लक्ष्मी पूजन के समय कुबेर यंत्र का भी पूजन करें अगले दिन कुबेर यंत्र को अपनी दुकान में लगाएं। लक्ष्मी पूजन के साथ गोमती चक्र का भी पूजन करें।

    गोमती चक्र के कई उपयोग हैं, यह विष्णु जी का चक्र माना गया है और सभी कार्यों को सिद्ध करता है। तिजोरी में रख सकते हैं, बीमार के सिरहाने रख सकते हैं, अदालत में जेब में रख कर ले जा सकते हैं। दिवाली के दिन पेनों का पूजन भी करें, बच्चे इन्ही पेनों से कालेज, स्कूल तथा नौकरी की परीक्षा दें। दो सिक्कों पर पीले चन्दन का लेप लगाकर उनका भी पूजन करें।

    अगले दिन सुबह एक सिक्का लक्ष्मी जी के मंदिर में चढ़ायें, दूसरा सिक्का अपने पर्स में रखें। आम के पत्ते तथा गेंदे के फूल का लाल धागे में बंदनवार बनाकर घर के मुख्य द्वार तथा व्यवसाय स्थल के मुख्य द्वार पर लगायें।

    लक्ष्मी पूजन में पटले पर बिछाए लाल कपड़े को अगले दिन घर या दुकान की तिजोरी में बिछाएं। घर की पूरी तरह साफ सफाई करें क्योंकि जहाँ दरिद्रता होती है वहां लक्ष्मी जी नहीं रहती हैं।