जम्मू जिले में डिजिटल माध्यम से किरायेदारों के सत्यापन की तैयारी, लोग घर बैठे ही कर सकेंगे आवेदन
जम्मू जिले में किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया को डिजिटल किया जा रहा है। अब मकान मालिक और किरायेदार घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य सत्यापन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने से मुक्ति मिलेगी और समय की बचत होगी।

सत्यापन की प्रक्रिया केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
दिनेश महाजन, जम्मू। किरायेदारों और घरेलू सहायकों के पुलिस सत्यापन को लेकर जम्मू में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
जम्मू पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को डिजिटल और सुगम बनाने के लिए एक नया वेब पोर्टल लांच करने की तैयारी में है, जिसके माध्यम से लोग घर बैठे आनलाइन ही फार्म भरकर किरायेदार या नौकर का सत्यापन करवा सकेंगे। वर्तमान समय में लोगों को संबंधित पुलिस थाने में जाकर सत्यापन करवाना पड़ता है, जिससे कई बार असुविधा, समय की बर्बादी होती है।
जिला उपायुक्त जम्मू की ओर से जारी आदेश के अनुसार, किसी भी नागरिक को अपने घर पर किरायेदार रखने या व्यापारिक संस्थान में कर्मचारी या सहायक रखने पर उसके पुलिस सत्यापन करवाना अनिवार्य है।
आदेश में यह भी स्पष्ट है कि सत्यापन न करवाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। पुलिस का कहना है कि यह प्रक्रिया केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
दरबार मूव के साथ-साथ कश्मीर और जम्मू के उच्च पहाड़ी क्षेत्रों से एक बड़ी संख्या में लोग हर वर्ष जम्मू शहर में किरायेदार के रूप में रहने आते हैं। इनके बीच ऐसे तत्व भी छिप सकते हैं जो आतंकवाद से जुड़े हों या ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में कार्य करते हों।
पुलिस के अनुभव में पहले भी किरायेदार के वेश में आतंकियों ने जम्मू में ठिकाने बनाए और कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की।
विभिन्न थानों में 60 के करीब मामले दर्ज किए है
एसएसपी जम्मू जोगिंदर सिंह ने बताया कि बीते कुछ महीनों में लगभग 60 ऐसे लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जिन्होंने अपने किरायेदारों या कर्मचारियों का अनिवार्य पुलिस सत्यापन नहीं करवाया था। उन्होंने कहा कि लोगों की लापरवाही सुरक्षा के लिए बड़ा जोखिम बन सकती है।
एसएसपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि सत्यापन न करवाने वालों पर आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि नया वेब पोर्टल शुरू होने के बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी तरह आसान, पारदर्शी और तेज होगी। पोर्टल पर दी गई जानकारी सीधे पुलिस रिकार्ड से मिलान की जाएगी और संदेहास्पद व्यक्तियों की पहचान तुरंत हो सकेगी।
पहले भी किरायेदार के वेश में बन चुके हैं आतंकी ठिकाने
जम्मू पुलिस के रिकरार्ड के अनुसार, पिछले वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें आतंकवादी या ओवर ग्राउंड वर्कर किरायेदार बनकर शहर में रहे। कई आतंकी नेटवर्क ने किराये के कमरों में अस्थायी ठिकाने बनाए थे, जिनका उपयोग हथियारों की आवाजाही और संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया जाता था।
इसी वजह से किरायेदारी सत्यापन को सख्ती से अनिवार्य किया गया है और उल्लंघन पर FIR दर्ज करने की नीति लागू है।

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