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    जम्मू-कश्मीर में विकास को मिली बड़ी गति, 2,406 हेक्टेयर का पहला डिजिटल लैंड बैंक लांच, जानिए क्या होगा लाभ?

    By Vivek Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 12:51 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में विकास को बढ़ावा देने के लिए 2,406 हेक्टेयर का पहला डिजिटल लैंड बैंक लॉन्च किया गया है। भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण से निवेशकों को भूमि की पहचान करने और उपयोग करने में आसानी होगी। यह पहल पारदर्शिता लाएगी, भूमि विवादों को कम करेगी और राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

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    मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कहा कि यह पहल आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में सरकारी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2,406 हेक्टेयर का पहला डिजिटल लैंड बैंक मंगलवार को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर लांच किया गया।

    जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने जम्मू में प्रदेश का यह पहला डिजिटल लैंड बैंक लांच किया। यह ऐतिहासिक पहल वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे कर तैयार किया गया है। इस लैंड बैंक में जम्मू कश्मीर के बीस जिलों में से अठारह जिलों की सिर्फ वही भूमि शामिल की गई है विकास के लिए जिसके इस्तेमाल में किसी प्रकार की कोई बाधा नही है।

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    डिजिटल लैंड बैंक लांच करने के कार्यक्रम में वन विभाग के आयुक्त सचिव के साथ आईटी विभाग के सचिव व वन विभाग के अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वहीं संबधित जिलों के डिप्टी कमिश्नर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।

    इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि जियो-टैग की गई इस भूमि का एक ही डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होना विकास परियोजनाओं को तेज व सुगम बनाएगा। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि वे चिन्हित किए भूमि खंडों को अतिक्रमण व दुरुपयोग से बचाने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाएं।

    इन जमीनों की नियमित निगरानी का एक स्थायी तंत्र बनाने को कहा

    वहीं मुख्यसचिव ने वन विभाग की रिमोट सेंसिंग विंग को इन जमीनों की नियमित निगरानी का एक स्थायी तंत्र बनाने को कहा। इससे जमीन पर होने वाले किसी भी बदलाव का तुरंत पता लगाया जा सकेगा। मुख्यसचिव ने जिला प्रशासन के लिए क्षमता-निर्माण सत्र आयोजित करने के साथ बाकी बची हुई स्टेट भूमि को भी पोर्टल पर जोड़ने के निर्देश दिए।

    वन विभाग की आयुक्त सचिव शीतल नंदा ने बताया कि वन विभाग ने राजस्व विभाग के साथ मिलकर जीआइएस आधारित मैपिंग व ग्राउंड-ट्रुथिंग कर इन जमीनों की सटीकता सुनिश्चित की है।

    लैंड बैंक की ये भूमि विकास के लिए निर्धारित की गई

    वहीं प्रमुख वन संरक्षक सुरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि पहले 668 भूमि खंडों की 6,221.30 हेक्टेयर भूमि की जांच की गई थी। विस्तृत सत्यापन के बाद 462 भूमि खंडों की 2,406 हेक्टेयर भूमि को पूरी तरह उपयुक्त पाया गया।। लैंड बैंक की ये भूमि सरकारी बुनियादी ढांचा विकास के लिए निर्धारित की गई है।

    लैंड बैंक में अनंतनाग के 10 खंडों की 12.43 हेक्टेयर भूमि शामिल है। वहीं इसमें बारामुला के 7 खंडों की 74.44 हेक्टेयर, बड़गाम के 15 खंडों की 28.99 हेक्टेयर, डोडा के 44 खंडों की 332.52 हेक्टेयर, गांदरबल के 26 खंडों की 30.45 हेक्टेयर, जम्मू जिले के 3 खंडों की 4.55 हेक्टेयर शामिल है।

    इसी तरह कठुआ जिले के 154 खंडों की 750.47 हेक्टेयर, किश्तवाड़ के 45 खंडों की 513.90 हेक्टेयर, कुलगाम के 10 खंडों की 17.44 हेक्टेयर, कुपवाड़ा के 15 खंडों की 74.24 हेक्टेयर, पुंछ जिले के 60 खंडों की 135.35 हेक्टेयर, पुलवामा जिले के 1 खंड की 4.10 हेक्टेयर, राजौरी जिले के 12 खंडों की 55 हेक्टेयर, रामबन जिले के 16 खंडों की 56 हेक्टेयर, रियासी जिले के 20 खंडों की 150 हेक्टेयर, सांबा जिले के 5 खंडों की 12.85 हेक्टेयर, शोपियां जिले के 1 खंड की 2.02 हेक्टेयर व उधमपुर जिले के 18 खंडों की 152.08 हेक्टेयर भूमि शामिल है।