कुछ श्रद्धालुओं ने कंजक पूजन कर साख का किया विसर्जन
नवरात्र के व्रत रखने वाले कुछ श्रद्धालुओं ने दुर्गा अष्टमी पर कंजक पूजन कर साख का विसर्जन किया। हालांकि माता के अधिकतर भक्त दुर्गा नवमी को ही कंजक पूज ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जम्मू : नवरात्र के व्रत रखने वाले कुछ श्रद्धालुओं ने दुर्गा अष्टमी पर कंजक पूजन कर साख का विसर्जन किया। हालांकि माता के अधिकतर भक्त दुर्गा नवमी को ही कंजक पूजन करें। वीरवार होने के कारण साख विसर्जन विजय दशमी पर ही संभव होगा।
दुर्गाष्टमी पर पूरा शहर मां दुर्गा के रंग में रंगा नजर आया। सुबह से देर शाम तक मंदिरों में पूजा अर्चना होती रही। कोरोना के चलते भंडारों आदि का आयोजन तो नहीं हो सका लेकिन घरों में उत्सव का माहौल रहा। हर ओर माता के जयकारे और भजन गूंजते रहे। सुबह लोगों ने कंजक पूजन कर साख प्रवाहित की। तवी नदी, नहर, दरिया चिनाब, देविका आदि नदियों पर सुबह से ही लोग साख विसर्जन करने पहुंचने लगे और शाम तक यह सिलसिला चलता रहा। मंदिरों में सुबह से शाम तक श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए पहुंचने लगे थे। सुबह से ही श्रद्धालु बावे वाली माता के दरबार में पहुंचने लगे।माता कोल कंडोली नगरोटा और आसपास के क्षेत्रों में माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। कई स्थानों पर हवन आदि का भी आयोजन किया गया। जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट की ओर से रघुनाथ मंदिर परिसर में दुर्गा मंदिर के सामने हवन के उपरांत कंजक पूजन किया गया।कई श्रद्धालु जो पूरे नवरात्र नहीं रख सके उन्होंने अष्टमी का व्रत रखा और वह वीरवार को कंजक पूजन करेंगे। इस वर्ष नवरात्र आठ दिन ही थे। जिसके चलते अधिकतर श्रद्धालु कंजक पूजन वीरवार को ही करेंगे।व्रत पूरे करने वालों ने मां दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त किया और साख प्रवाहित करते हुए मां से प्रार्थना की कि अगले वर्ष भी खुशियों के साथ उनके घर में स्थान ग्रहण करें। सुबह से ही श्रद्धालु पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ साख विसर्जन करने पहुंचने लगे थे। वीरवार को दुर्गा नवमी पर कई स्थानों पर हवन एवं कंजक पूजन का आयोजन होगा।

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