खुशखबरी! अटका आरती में फिर बैठ पाएंगे मां वैष्णो देवी के भक्त, करना होगा इन नियमों का पालन
अब श्रद्धालु प्रतिदिन 500 के बजाय 1000 की संख्या में मां वैष्णो देवी दर्शनों के लिए आ सकते हैं|श्राइन बोर्ड फिलहाल एक ही समय में 90 श्रद्धालुओं को ही इजाजत देगा और 10 के करीब श्राइन बोर्ड के कर्मचारी इस पवित्र स्थल पर मौजूद रहेंगे|
कटड़ा, राकेश शर्मा: मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है। मां के भक्त अटका आरती में फिर शामिल हो सकते हैं। 6 महीने के उपरांत एक बार फिर श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी की सुबह शाम होने वाली दिव्य अटका आरती में शामिल होने की इजाजत दे दी है। हालांकि श्रद्धालुओं को इस पवित्र अटका आरती में शामिल होने के लिए कुछ जरूरी दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन करना होगा। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए निर्धारित नियमों के अनुसार शुरूआत में श्राइन बोर्ड फिलहाल एक समय की आरती में केवल 90 श्रद्धालुओं को ही शामिल होने की इजाजत देगा। श्रद्धालुओं के अलावा 10 के करीब श्राइन बोर्ड के कर्मचारी इस पवित्र स्थल पर मौजूद रहेंगे|
आपको को यह जानकारी हो कि गत 18 मार्च को कोरोना महामारी के कारण प्रशासन ने श्री माता वैष्णो देवी यात्रा को स्थगित कर दिया था। बीते माह की 16 तारीख को एक बार फिर शुरू कर दिया था। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ न रखे, वे एक दूसरे के संपर्क में न आए इसको लेकर नियम तय किए गए हैं। हर दिन 500 श्रद्धालुओं को ही यात्रा पर रवाना होने की इजाजत दी गई थी परंतु अब जब कि यात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए बोर्ड ने पर्याप्त प्रबंध कर दिए हैं। श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। देश के अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को दोगुना कर दिया है। यानी अब बाहरी राज्यों से प्रतिदिन 1000 श्रद्धालु दर्शनों के लिए आ सकते हैं। यही नहीं श्राइन बोर्ड ने वैष्णो देवी भवन के साथ ही आधार शिविर कटड़ा में श्रद्धालुओं के रहने के लिए डॉरमेट्री की सुविधा भी बहाल कर दी है।
अटका आरती में शामिल होने के लिए इन नियमों का पालन करें श्रद्धालु: श्रद्धालुओं काफी देर से अटका आरती शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए यह सुविधा शुरू तो कर दी है परंतु इसमें शामिल होने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। आरती में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग करवानी होगी तो बोर्ड ने तत्काल प्रभाव से शुरू कर दी है। कोरोना महामारी को लेकर फिलहाल इस पवित्र अटका आरती में केवल एक तिहाई ही श्रद्धालु एक समय में बैठ सकेंगे| जहां पहले प्रतिदिन एक समय में करीब 300 श्रद्धालुओं आरती में शामिल हो सकते थे। अब केवल 90 श्रद्धालुओं और 10 के करीब श्राइन बोर्ड के कर्मचारी ही आरती में बैठ पाएंगे। आरती में बैठने वाले श्रद्धालु के लिए मॉस्क पहनना अनिवार्य होगा। विशेष दूरी को ध्यान को रखते हुए श्रद्धालुओं को बिठाया जाएगा। श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया जाएगा। श्री माता वैष्णो देवी साइन बोर्ड ने अटका आरती के लिए निर्धारित शुल्क 2100 रूपये रखा है। श्रद्धालु शुल्क अदा कर इस दिव्य आरती में शामिल हो सकते हैं।
श्रद्धालुओं के रहने के लिए डॉरमेट्री सुविधा भी शुरू की: बोर्ड ने भवन में रहने के लिए श्रद्धालुओं के लिए डॉरमेट्री व्यवस्था भी बहाल कर दी है। इससे पहले कोरोना काल के दौरान यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने की इजाजत नहीं थी। श्राइन बोर्ड ने वैष्णो देवी भवन के साथ ही अर्द्धकुंवारी और आधार शिविर कटड़ा में रहने के लिए डोरमेट्री व्यवस्था शुरू कर दी है। भवन पर रहने के लिए श्रद्धालुओं को मात्र पहले की तरह ही 110 रूपये प्रति बेड, अर्द्धकुंवारी में 150 रूपये प्रति बेड जबकि कटड़ा में भी 150 रूपये प्रति बेड शुल्क अदा करना पड़ेगा। बोर्ड ने किसी भी सुविधा शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की है।
श्रद्धालुओं की संख्या भी दोगुनी की: श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने देश के अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को दोगुना करते हुए 1000 श्रद्धालु प्रतिदिन निर्धारित कर दिया है। हालांकि प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पहले की तरह 5000 ही रहेगी। यानी बोर्ड ने कोटे में बदलाव किया है। पहले जहां जम्मू-कश्मीर के 4500 श्रद्धालुओं को यात्रा पर जाने की अनुमति थी और अन्य राज्यों से 500 श्रद्धालु को। बोर्ड ने जम्मू-कश्मीर के श्रद्धालुओं की संख्या कम कर 4000 जबकि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक हजार कर दी है। ऐसा इसलिए ताकि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो।
श्रद्धालुओं को यात्रा में मिल रही हर सुविधा: जम्मू-कश्मीर व देश के दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को आधार शिविर कटड़ा से लेकर भवन तक हर सुविधा मिल रही है। हेलीकॉप्टर सेवा, बैटरी कार सेवा तथा पैसेंजर केबल कार सेवा भी सुचारू रूप से श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराई जा रही हैं।