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    महज 13 घंटे में दिल्ली से कश्मीर, वंदे भारत स्लीपर क्लास से तय होगा वर्ल्ड क्लास सफर; अगले महीने से शुरुआत

    Updated: Tue, 17 Dec 2024 03:04 PM (IST)

    दिल्ली से कश्मीर तक की यात्रा अब महज 13 घंटे में पूरी होगी। वंदे भारत स्लीपर क्लास से आप विश्व स्तरीय सफर का आनंद ले सकेंगे। अगले महीने से इस रूट पर ट्रेन शुरू हो जाएगी। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने ट्रैक का निरीक्षण किया और सब कुछ ठीक पाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस पर पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं।

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    दिल्ली से कश्मीर तक चलेगी वंदे भारत ट्रेन स्लीपर (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, रियासी/कटड़ा । गणतंत्र दिवस पर कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से रेल संपर्क के जरिये जोड़ने की तैयारी के बीच अब यह परियोजना अपने अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गई है।

    नई दिल्ली से कश्मीर तक रेल को झंडी दिखाने से पहले ट्रैक के तकनीकी निरीक्षण के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) दिनेश चंद देशवाल सोमवार को कटड़ा पहुंचे।

    आयुक्त ने ट्रॉली पर सवार होकर रियासी रेलवे स्टेशन से बनिहाल का निरीक्षण किया। मंगलवार को आयुक्त रियासी से कटड़ा के बीच अंजी खड्ड पर बने देश के पहले केबल स्टे पुल और कटड़ा के समीप टी-1 (टनल) का निरीक्षण करेंगे, जिसका काम लगभग पूरा हो गया है।

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    13 घंटे में तय होगा सफर

    रेलवे आयुक्त की ओर से झंडी मिलते ही पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली-कश्मीर के बीच पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को रवाना करेंगे। बताया जा रहा है कि दिल्ली से कश्मीर के बीच 13 घंटे का सफर होंगे।

    रेलवे सुरक्षा आयुक्त दिल्ली से ट्रेन में सुबह आठ बजे कटड़ा पहुंचे और वहां से वह सड़क मार्ग से रियासी रेलवे स्टेशन पहुंचे। वहां से वह निरीक्षण ट्रॉली में सवार होकर बनिहाल के लिए रवाना हुए।

    रास्ते में कौड़ी-बक्कल क्षेत्र में चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे के आर्च पुल, डुग्गा रेलवे स्टेशन और संगलदान से होते हुए बनिहाल पहुंचे। दोपहर को आयुक्त बनिहाल से वापस कौड़ी में चिनाब पुल पहुंचे, जहां उन्होंने तकनीकी निरीक्षण व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

    शाम को उन्होंने रेलवे के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर रेल परिचालन के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। रात को वह कौड़ी ब्रिज के पास बने रेस्ट हाउस में रुके।

    यह है मौजूदा स्थिति

    मौजूदा समय में जम्मू से आगे माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा तक ट्रेन चलती है। वहीं दूसरी तरफ कश्मीर से जम्मू संभाग के संगलदान तक रेल यातायात जारी है।

    संगलदान से रियासी के बीच 46 किलोमीटर खंड में इसी वर्ष 16 जून को इलेक्ट्रिक इंजन और 20 जून को पहली बार 10 डब्बे की ट्रेन चलाने का सफल ट्रायल पूरा हो चुका है।

    रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मौजूदगी में भी 28 जून को इस खंड पर तेज गति से ट्रेन चलाने का सफल ट्रायल भी किया गया था। अब केवल रियासी से कटड़ा तक 17 किलोमीटर हिस्से का काम अंतिम चरण में है। इसको झंडी मिलते ही कश्मीर का रेल संपर्क पूरे देश से जुड़ जाएगा।

    18 दिसंबर को रेलवे महाप्रबंधक करेंगे निरीक्षण रेल सुरक्षा

    आयुक्त के बाद 18 दिसंबर को रेलवे महाप्रबंधक रेलवे श्रीनगर से विशेष ट्राली में सवार होकर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा पहुंचेंगे। अगर तब भी सबकुछ ठीक पाया गया तो दिल्ली से कश्मीर के बीच रेल सफर का सपना ज्यादा दूर नहीं होगा।

    आज रियासी से कटड़ा ट्रैक का जायजा लेकर लौटेंगे आयुक्त

    रेलवे सुरक्षा आयुक्त मंगलवार सुबह कौड़ी क्षेत्र में चिनाब पुल से अपने निरीक्षण की शुरुआत करेंगे और वहां से वह पहले रियासी रेलवे स्टेशन और फिर अंजी खड्ड पर बने देश के पहले केबल स्टे पुल का निरीक्षण करेंगे।

    इसके बाद कटड़ा के समीप रेलवे की सुरंग नंबर एक का भी जायजा लेंगे। इस टनल से होने वाले पानी के रिसाव के कारण इसका निर्माण सबसे चुनौतिपूर्ण था। अब इसका कार्य अंतिम चरण में है।

    इसके बाद आयुक्त बाण गंगा नदी पर बने रेलवे पुल का जायजा लेंगे और शाम को श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा पहुंचकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देकर ट्रेन में सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। रेलवे सुरक्षा आयुक्त का इसी वर्ष जून के बाद यह उनका तीसरा दौरा है।

    इससे पहले आयुक्त ने 27 व 28 जून को रियासी-संगलदान खंड का तकनीकी निरीक्षण कर कुछ जगहों पर सुधार करने के निर्देश दिए थे। उन कार्यों का निरीक्षण करने आयुक्त नौ अगस्त को दोबारा इस खंड के तकनीकी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।

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