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    'आतंक को शह देना बंद करो नहीं तो...', पाकिस्तान को राजनाथ सिंह की सख्त चेतावनी, कहा- ठोस सबूत हैं बख्शेंगे नहीं

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 02:35 PM (IST)

    Jammu Kashmir News केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा (IR) से सटे अखनूर से पाकिस्तान को आतंक को शह देने की साजिशें बंद करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने गुलाम कश्मीर (POK) में काम कर रहे अपने ट्रेनिंग कैंप व लॉन्चिंग पैड बंद नहीं किए तो परिणाम भुगतने होंगे।

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    राजनाथ सिंह मंगलवार जम्मू जिले के अखनूर में सशस्त्र बल वयोवृद्ध दिवस समारोह के दौरान बोलते हैं। (पीटीआई फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अखनूर से पाकिस्तान को आतंक को शह देने की साजिशे बंद करने की चेतावनी दी है। रक्षा मंत्री ने दबे शब्दों में चेताबनी दी की अगर पाकिस्तान ने गुलाम कश्मीर में काम कर रहे अपने ट्रेनिंग कैंप व लॉन्चिंग पैड बंद नहीं किए तो....। रक्षा मंत्री ने अपना वाक्य पूरा ना करते हुए यह पाकिस्तान पर छोड़ दिया की वह इस से क्या सीख लेता है।

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    रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंक को शह देने की साजिशों को निरंतर जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास सबूत है कि इस समय भी गुलाम कश्मीर में उसके लॉन्चिंग पैड व ट्रेनिंग कैंप काम कर रहे हैं।

    अखूनर के टांडा में किया रैली को संबोधित

    पूर्व सैनिक दिवस पर मंगलवार को जम्मू के सीमावर्ती अखनूर जिले के टांडा में पूर्व सैनिक रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत से वर्ष 1947 के बाद लड़े गए सभी युद्धों में हार पाई है। उसके नापाक मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

    भारतीय सैनिकों के जब्बे की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना द्वारा जीते हुए इलाकों को वापस नहीं किया गया होता तो आज आतंकवाद नहीं होता।

    पुरानी सरकारों के काम करने के तरीके पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमने हाजी पीर का इलाका जीता था। अगर इसे लौटाया नहीं गया होता तो वहां से आतंकियों की घुसपैठ नहीं होती।

    राजनाथ सिंह ने की उमर अब्दुल्ला की तारीफ

    केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के लोगों के दिलों के बीच की दूरी को कम करने के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली और कश्मीर के साथ समान व्यवहार करती है।

    राजनाथ सिंह ने कहा, कश्मीर के साथ अतीत में (पिछली सरकारों द्वारा) अलग व्यवहार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के हमारे भाई-बहन दिल्ली से उस तरह से जुड़ नहीं पाए, जैसा कि होना चाहिए था।

    उन्होंने कहा कि मैं अतीत में नहीं जाना चाहता क्योंकि हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हम कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच ‘दिलों की दूरी’ को पाटने का काम कर रहे हैं।

    रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि उन्होंने थोड़े से अंतर (जो अभी भी मौजूद है) को दूर करने के लिए सही कदम उठाए हैं।

    रक्षा मंत्री ने भारत के खिलाफ टिप्पणी के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक की आलोचना की और कहा कि जम्मू-कश्मीर पीओके के बिना अधूरा है।

    उन्होंने पूर्व सैनिकों को मकर संक्रांति और नए साल की शुभकामनाएं भी दीं और कहा कि अखनूर में उनकी मौजूदगी यह दर्शाती है कि हम अपने दिल में अखनूर या कश्मीर को दिल्ली जैसा ही मानते हैं।

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