Target Killing: पत्नी ने दिया बच्चे को जन्म, खुशी भी नहीं मना पाया परिवार; आतंकियों ने की थी पति की हत्या
Deepu Murder Case बिलासपुर गांव के रहने वाले जिस दीपू कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं बीते शनिवार को मृत्यक दीपू कुमार की विधवा गर्भवती पत्नी साक्षी ने बच्चे (बेटे) को जन्म दिया। वह लोग बच्चे के आने की खुशी भी नहीं मना पाए।
पंकज सर्राफ, रामनगर: 29 मई को अनंतनाग में आतंकवादियों ने मजालता तहसील के बिलासपुर गांव के रहने वाले जिस दीपू कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं बीते शनिवार को मृत्यक दीपू कुमार की विधवा गर्भवती पत्नी साक्षी ने बच्चे (बेटे) को जन्म दिया। यहां बच्चे की कीलकारी से परिवार के सदस्यों के चेहरे पर मुस्कुराहट लौटी है वहीं उन्हें इस मौके पर दीपू की काफी कमी महसूस हो रही है। वह लोग बच्चे के आने की खुशी भी नहीं मना पाए।
गांव के लोग दीपू के बेटे को पहुंच रहे आशीर्वाद देने
समूचे गांव के लोग मृत्यक दीपू के बेटे को आशिर्वाद देने पहुंच रहे है। बता दें कि 29 मई को आतंकवादियों ने अनंतनाग में दीपू कुमार की हत्या कर दी थी। उस समय उसकी घटनास्थल से थोड़ी ही दूरी पर स्थित टैंट में बैठकर अपने पति के आने का इंतजार कर रही थी। 30 मई की सुबह दीपू कुमार के शव के साथ वह बिलासपुर गांव पहुंची थी। उसके बाद से ही प्रशासन ने उक्त परिवार की पूरी देखभाल का जिम्मा अपने कंधों पर उठा लिया था।
मृत्यक की विधवा गर्भवती पत्नी साक्षी को 5000 रुपये पैशन की सुविधा देने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग मजालता द्वारा उसकी देखभाल के लिए आशावर्कर की तैनाती भी उसके घर पर ही की गई थी। जब शनिवार की सुबह साक्षी को प्रसव पीड़ा शुरु हुई तो परिवार के सदस्यों ने आशावर्कर को सूचित किया। जिसके बाद भरनाड़ा प्राईमरी हैल्थ सैंटर की तरफ से भेजी गई एम्बुलैंस में उसे पी.एच.सी में लाया गया।
साक्षी ने एक सुंदर बच्चे को दिया जन्म
यहां पर प्राथमिक जांच के बाद उसे जिला अस्पताल उधमपुर के लिए रैफर किया गया। शनिवार की देर शाम को साक्षी ने एक सुंदर बच्चे को जन्म दिया। बच्चे के जन्म से यहां परिवार के सदस्यों के चेहरे पर मुस्कुराहट लौटी थी। वही दीपू कुमार की कमी भी उन्हें काफी खल रही थी। रविवार के जिला अस्पताल उधमपुर की तरफ से भेजी गई एम्बलैंस में मां तथा बेटे को वापिस विलासपुर गांव में छोड़ा गया।
जब गांव के लोगों को बच्चे को पैदा होने की खबर मिली तो ग्रामीण उसे आशीर्वाद देने के लिए उसके घर पर पहुंचने लगे। परिवार के सदस्यों का कहना था कि प्रशासन द्वारा उनकी हर संभव मद्दद तो की जा रही है। लेकिन दीपू की कमी कोई पुरी नही कर सकता। वह तो बच्चे के जन्म की खुशी तक भी नही मना पाए।
आशावर्कर ने दी जानकारी
बी.एम.ओ डां लतीफ से की गई बात जब इस बारे में मजालता के बी.एम.ओ डां लतीफ से बात की गई तो उनका कहना था कि शनिवार की सुबह जब आशावर्कर ने भरनाड़ा पी.एच.सी में साक्षी को प्रसव पीड़ा शुरु होने की जानकारी दी।
उसके बाद वहां से एम्बुलेंस को विलासपुर गांव में भेजा गया ओर पी.एच.सी में प्राथमिक जांच के बाद उसे जिला अस्पताल उधमपुर के लिए रैफर किया गया। शनिवार की शाम को साक्षी ने बच्चे को जन्म दिया। जिसके बाद रविवार को वापिस जिला अस्पताल से भेजी गई एम्बुलेंस से मां तथा बच्चे को वापिस उनके घर बिलासपुर गांव में छोड़ा गया।
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