Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    J&K News: IHPL घोटाले में डीडीसीए का तगड़ा एक्शन, अशु दानी और सुरिंदर खन्ना बर्खास्त

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 10:52 PM (IST)

    दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने अशु दानी और सुरिंदर खन्ना को इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (आईएचपीएल) में शामिल होने के आरोपों के बाद बर्खास्त कर दिया है। डीडीसीए ने अनधिकृत क्रिकेट गतिविधियों के प्रति जीरो टालरेंस नीति अपनाई है। संघ ने खिलाड़ियों और अधिकारियों को ऐसे आयोजनों से दूर रहने की चेतावनी दी है और हितों के टकराव को उजागर करने के लिए कहा है।

    Hero Image

    डीडीसीए ने आशु दानी और सुरिंदर खन्ना को पद से किया बर्खास्त (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने एक बार फिर साफ संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की अनधिकृत या विवादास्पद क्रिकेट गतिविधियों से जुड़ाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    संघ ने पूर्व दिल्ली क्रिकेटर और जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष रहे अशु दानी को उनके पद से हटा दिया है। वहीं, पूर्व भारतीय विकेटकीपर व क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य सुरिंदर खन्ना को भी उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डीडीसीए का यह कदम इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (आईएचपीएल) नामक विवादास्पद टूर्नामेंट में दोनों के शामिल होने के आरोपों के बाद सामने आया है। यह टूर्नामेंट जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया गया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर क्रिस गेल और प्रवीण कुमार जैसे बड़े नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।

    हालांकि यह लीग अचानक तब विवादों में आ गई जब आयोजक कथित तौर पर भुगतान किए बिना स्थल छोड़कर फरार हो गए, जिससे कई खिलाड़ी होटल में फंसे रह गए और उनका भुगतान लंबित रह गया।

    सूत्रों के मुताबिक, अशु दानी को आइएचपीएल का अध्यक्ष और सुरिंदर खन्ना को मेंटोर की भूमिका दी गई थी। डीडीसीए ने दानी से पहले इस्तीफा देने को कहा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया।

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, डीडीसीए ने इस मामले में जीरो टालरेंस पॉलिसी अपनाई है और किसी भी सदस्य को ऐसे अनधिकृत आयोजनों से जुड़े रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    डीडीसीए ने अपने सभी खिलाड़ियों, कोचों, सहयोगी स्टाफ और मैच अधिकारियों को भी सख्त चेतावनी दी है कि वे किसी भी अनधिकृत या अप्रूव्ड न किए गए टूर्नामेंट, लीग या मैच में भाग न लें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि किसी प्रकार का हितों का टकराव सामने आता है, तो उसे तुरंत उजागर किया जाए।