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    सीआरपीएफ जवान संतोष ने बनाया एंटी स्पाइ सोल, अब जूतों को भेद नहीं पाएगी कील

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Tue, 22 Mar 2022 09:20 AM (IST)

    सोल का वजन करीब 120 ग्राम के करीब है और इसमें धातु के अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट में इस्तेमाल होने वाले विशेष फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। यह सोल किसी भी जूते के साथ जोड़ा जा सकता है।

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    संतोष कुमार ने आइईडी और बारुदी सुरंग का पता लगाने में समर्थ एक आरओवी भी तैयार किया है।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो: कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने से लेकर आतंकियों और नक्सलियों की नकेल कसने में अहम भूमिका निभा रही सीआरपीएफ के एक जवान एंटी स्पाई सोल तैयार कियाहै। इस सोल को नुकीले कील भी नहीं भेद सकते। फिलहाल, इन जूतों का परीक्षण चल रहा है।

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    एंटी स्पाइ सोल तैयार करने वाले सीआरपीएफ कर्मी का नाम संतोष कुमार हैं जो मूलत: केरल के रहने वाले हैं और दिल्ली में तैनात हैं। उनके मुताबिक, अगर तीन क्विंटल वजन भी इस सोल पर रख दिया जाए तो भी कील और कांटे इसे भेद नहीं सकते। उन्होंने कहा कि यह नक्सल प्रभावित और पूर्वोत्तर भारत में तैनात जवानों के लिए काफी मददगार साबित होगा।

    इन इलाकों में अक्सर नक्सली उन रास्तों में नुकीले कील और कांटे बिछाते हैं, जहां से सीआरपीएफ जवानों की पैदल आवाजाही होती है। उन्होंने बताया कि सोल का वजन करीब 120 ग्राम के करीब है और इसमें धातु के अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट में इस्तेमाल होने वाले विशेष फाइबर का इस्तेमाल किया गया है। यह सोल किसी भी जूते के साथ जोड़ा जा सकता है।सीआरपीएफ अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण पूरा होने के बाद यह प्रयास किया जाएगा कि इस सोल से बने जूते जल्द से जल्द जवानों तक पहुंचाए जाएं ताकि वह इसका लाभ उठा सकें।

    बारूदी सुरंग का पता लगाएगा आरओवी : कील रोधी जूता तैयार करने से पूर्व संतोष कुमार ने जमीन में नीचे दो फुट दबी आइईडी और बारुदी सुरंग का पता लगाने और उसे खोद बाहर निकालने में समर्थ एक आरओवी भी तैयार किया है। यह आरओवी न सिर्फ जमीन में दबे विस्फोटक को निकालता है बल्कि उसे नष्ट भी करता है। दंतेवाड़ा में तैनात रह चुके संतोष कुमार ने बताया कि 2010 में उन्होंने नक्सलियों के हमलों के तौर तरीकों को देखते हुए विभिन्न प्रकार के हथियारों व उपकरणों में सुधार का प्रयास शुरु किया था। इसमें वह किसी हद तक सफल भी रहे और इसलिए उन्हें दिल्ली में सीआरपीएफ के टैक्नीकल विंग में तैनात किया गया।

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