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    कल नई दिल्ली में कांग्रेस की रैली में जम्मू-कश्मीर से शामिल होंगे एक हजार से अधिक कार्यकर्ता

    By Satnam Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 11:49 AM (IST)

    कल नई दिल्ली में होने वाली कांग्रेस की रैली में जम्मू-कश्मीर से एक हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है। यह रैली कांग्रेस पार्टी के सम ...और पढ़ें

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    जम्मू-कश्मीर के कार्यकर्ताओं की भागीदारी रैली को और भी महत्वपूर्ण बना देगी। फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर से एक हजार से अधिक कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता 14 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलाल ग्राउंड में आयोजित होने वाली पार्टी की वोट चोरी के मुद्दे पर होने वाली रैली में हिस्सा लेंगे। यह जानकारी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने दी।

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    उन्होंने बताया कि प्रतिभागियों में वरिष्ठ नेता, जिला अध्यक्ष, अग्रणी संगठनों के पदाधिकारी, पूर्व विधायक, अधिकांश ब्लॉक अध्यक्ष और जम्मू व कश्मीर दोनों क्षेत्रों से कार्यकर्ता शामिल होंगे।

    उन्होंने बताया कि कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचने के लिए निजी वाहनों, ट्रेन और बसों सहित विभिन्न साधनों का उपयोग कर रहे हैं। बसों से जाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दल को प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा रवाना करेंगे।

    प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवराज पाटिल के निधन पर शोक व्यक्त किया

    जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। पाटिल का आज सुबह निधन हो गया। पार्टी मुख्यालय जम्मू में आयोजित शोकसभा में प्रदेश प्रधान तारिक हमीद करा की अध्यक्षता में वरिष्ठ नेताओं ने पाटिल के निधन पर गहरा दुखा व्यक्त किया।

    नेताओं ने कहा कि शिवराज पाटिल देश के एक अनुभवी और प्रख्यात राजनेता थे जिन्होंने विभिन्न पदों गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और 1991 से 1996 तक लोकसभा स्पीकर के रूप में महत्वपूर्ण सेवाएं दीं। 

    पाटिल, इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे। सभा में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत नेता के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कांग्रेस नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रधानमंत्री और पहले मुख्यमंत्री जीएम सादिक, पूर्व मुख्यमंत्री मीर कासिम, और पूर्व मंत्री जीएम मीर लसजान को पुण्यतिथि पर भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। 

    वरिष्ठ नेताओं ने जीएम सादिक को एक धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्रभक्त और दूरदर्शी प्रशासक बताया जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार-मुक्त, सक्षम और पारदर्शी शासन दिया। उन्होंने राज्य और केंद्र के संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संवैधानिक संशोधन कर सदर-ए-रियासत व प्रधानमंत्री के पदनाम को राज्यपाल और मुख्यमंत्री में परिवर्तित किया। उनका कार्यकाल आज भी आदर्श प्रशासन के लिए याद किया जाता है। सादिक के नेतृत्व में ही वर्ष 1965 में कांग्रेस पार्टी का जम्मू-कश्मीर में औपचारिक गठन हुआ। 

    नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री मीर कासिम और मीर लसजान की सेवाओं को भी याद किया और उन्हें उत्कृष्ट प्रशासक बताया। उन्होंने कहा कि मीर कासिम ने 1975 में इंदिरा-शेख समझौते के बाद मुख्यधारा की राजनीति को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़कर शेख अब्दुल्ला के लिए मार्ग प्रशस्त किया। सभी तीनों दिग्गज नेता कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक सिद्धांतों और जन-सेवा के प्रति समर्पित रहे। 

    इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख नेताओं में कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला, पूर्व मंत्री मुलाराम, योगेश साहनी, गुरबचन कुमारी राणा, मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा, वेद महाजन, निज़ाम-उद-दीन भट्ट, ठाकुर बलबीर सिंह, रजनीश शर्मा, हरि सिंह चिब, ठाकुर मनमोहन सिंह, संजीव पांडा, नीरज गुप्ता, सोहित शर्मा, भविष्य सूदान, राकेश शर्मा सहित अन्य नेता शामिल थे।