मनरेगा के मुद्दे पर कांग्रेस का जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन, केंद्र के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
जम्मू और श्रीनगर में कांग्रेस ने मनरेगा के मुद्दे पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसमें कई नेता रोके गए। कांग्रेस ने ...और पढ़ें
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मनरेगा के मुद्दे पर कांग्रेस का जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, जम्मू। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम से महात्मा गांधी का नाम हटाने और कानून को समाप्त कर नया कानून लाने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में रविवार को जम्मू व श्रीनगर में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। जम्मू में प्रदर्शन का नेतृत्व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरिंदर सिंह राजपूत ने किया।
यह विरोध प्रदर्शन जिला कांग्रेस कमेटी जम्मू शहरी एवं ग्रामीण के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसकी अगुवाई ठाकुर मनमोहन सिंह और ठाकुर हरि सिंह चिब ने की। पार्टी मुख्यालय शहीदी चौक जम्मू के बाहर प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हल्की धक्का मुक्की भी हुई। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान जैसे नारे लगाए।
इस मौके पर सुरिंदर सिंह राजपूत ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस की विचारधारा महात्मा गांधी के सिद्धांतों को स्वीकार नहीं करती, इसी कारण मनरेगा से गांधी का नाम हटाया गया है। उन्होंने कहा कि नाम बदलने से गांधी की विचारधारा को देश से खत्म नहीं जा सकता। नई योजना गरीबों और मजदूर वर्ग की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगी और ग्राम स्वराज की अवधारणा को विफल कर देगी।
कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला ने कहा कि भाजपा महात्मा गांधी की सोच की विरोधी है, इसलिए उसने देश की सबसे सफल, गरीब और मजदूर समर्थक योजना मनरेगा को समाप्त करने का प्रयास किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रस्तावित नई योजना पूरी तरह केंद्रीकृत होगी, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ होगा और ग्रामीण गरीबों की आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा।
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेताओं में मुलाराम, रविंदर शर्मा, वेद महाजन, जीएम सरूरी, माजिद वानी, ठाकुर बलबीर सिंह, इंदु पवार, अशोक डोगरा व अन्य शामिल थे। इस बीच मनरेगा के मुद्दे पर श्रीनगर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद करा ने किया। कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय, श्रीनगर से एमए रोड की ओर शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे, लेकिन भारी संख्या में तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने एमए रोड् पर बैरिकेड लगाकर मार्च को रोक दिया।
इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस कार्रवाई में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोक दिया गया। तेज बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय में एकत्र हुए और भाजपा सरकार द्वारा मनरेगा को खत्म करने तथा देश में लोकतंत्र व लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले के खिलाफ नारेबाजी की।
इस मौके पर तारिक हमीद करा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा–आरएसएस के जनविरोधी फैसलों के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा को समाप्त करने की कोशिश गरीबों की आजीविका छीनने की साजिश है, जिसे कांग्रेस और देश की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।
करा ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम को कानून से हटाने का फैसला पूरी तरह वैचारिक और साजिश वाला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नया विधेयक ग्रामीण रोजगार के कानूनी अधिकार को खत्म करता है और मांग आधारित रोजगार गारंटी की जगह केंद्र-नियंत्रित योजना लागू करना चाहता है, जिसमें न रोजगार की गारंटी है और न ही सार्वभौमिक कवरेज। इससे गरीबों के जीवनयापन के अधिकार पर सीधा हमला हो रहा है। प्रदर्शन में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए, जिनमें सुरिंदर सिंह चन्नी, विधायक इरफान हफीज लोन, पूर्व विधायक अब्दुल रहीम राथर, निसार अहमद मांडू व अन्य शामिल थे।

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