Jammu Kashmir : सदियों पुरानी शिल्प देखने अक्टूबर में आएं कश्मीर, लगेगी प्रदर्शनी-कार्यक्रम भी होंगे
Kashmir Centuries Old Crafts हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय में हुई इस बैठक में श्रीनगर शहर को शिल्प एवं लोक कला श्रेणी में यूनेस्को के रचनात्मक नगर नेटवर्क में शामिल किए जाने के बाद शिल्प कला के विकास व संरक्षण की समीक्षा की गई।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : कश्मीर की सदियों पुरानी हस्तशिल्प और समकालीन शिल्प को अगर देखना व समझना है तो अक्टूबर में कश्मीर यात्रा का कार्यक्रम बना लीजिए। हस्तशिल्प एवं हथकरघा विभाग अक्टूबर में हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगाएगा। इसमें समृद्ध, प्राचीन, दुर्लभ कलाकृतियों के प्रदर्शन के साथ ही शिल्प से जुड़ी कहानियां पर आधारित कार्यक्रम भी होंगे।
प्रदर्शनी के आयोजन का फैसला सोमवार को हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशक डा. महमूद शाह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक मे लिया गया। हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय में हुई इस बैठक में श्रीनगर शहर को शिल्प एवं लोक कला श्रेणी में यूनेस्को के रचनात्मक नगर नेटवर्क में शामिल किए जाने के बाद शिल्प कला के विकास व संरक्षण की समीक्षा की गई।
बैठक में शिल्प कला क्षेत्र से जुड़े विभिन्न लोगों, संगठनों के प्रतिनिधियों और संबधित प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में तय किया गया किया कि विभाग शिल्पियों के जीवन और उनकी कला के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती एक फोटो प्रदर्शनी भी लगाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020-21 में श्रीनगर जिले में 199 औद्योगिक सहकारिता समितियों में 99.5 लाख रुपये और वर्ष 2021-22 के दौरान 568 औद्योगिक सहकारिता समितियों में 284.0 लाख रुपये वितरित किए गए हैं। इसके अलावा कारखानदार योजना के 16.20 लाख रुपये शिल्पकला से संबंधित गतिविधियों के लिए दिए गए हैं।
श्रीनगर जिले में 46 प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र : मौजूदा समय में श्रीनगर जिले में 46 प्राथमिक और 17 एडवांस ट्रेनिंग सेंटर क्रियाशील हैं। विभाग के साथ पंजीकृत निर्यातकों को निर्यात में 10 प्रतिशत की छूट भी देने की योजना शुरू की है। दस्तकारों/बुनकरों के लिए ऋण कार्ड योजना के तहत वर्ष 2021-22 में श्रीनगर में 723 मामलों में 650.74 लाख की वित्तीय सहायता मंजूर की गई है।
शिल्प केंद्र में बदलेंगे विरासती घर : अधिकारियों ने बताया कि दस्तकारों और बुनकरों के लिए कौशल विकास और वित्तीय सहायता के अलावा जैनाकदल व आलीकदल में स्थित विरासती घर के सदुपयोग के लिए उसे शिल्प केंद्र में बदला जा रहा है। नूरबाग में क्रिवल व चेन स्टिच क्लस्टर और जडीबल में पेपरमाछी क्लस्टर को 250 शिल्पकारों पर आधारित 22 स्वयं सहायता समूहों के आधार पर तैयार किया गया है।
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