Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Chenab Rail Bridge: कश्मीर से कन्याकुमारी जाना हुआ आसान, दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क ब्रिज पर पहली बार दौड़ी ट्रेन; देखिए Video

    Updated: Thu, 20 Jun 2024 04:23 PM (IST)

    दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क ब्रिज (Chenab Rail Bridge) पर पहली बार ट्रेन चली है। यह ब्रिज चिनाब नदी के ऊपर बना है जो रियासी रेल लाइन को संगलदान से जोड़ता है। बीते रविवार इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ाया गया था। अगले चार से पांच महीनों में रियासी से संगलदान के बीच रेल सफर शुरू होने की संभावना है।

    Hero Image
    जम्मू-कश्मीर में चिनाब रिवर को पार करती रेल (Jagran File Photo)

    एएनआई, जम्मू।  भारतीय रेल ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल-चिनाब रेल ब्रिज पर ट्रेन के परिचालन का सफल ट्रायल किया है। यह पुल रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच बनाया गया है। इस लाइन पर रेल सेवाएं जल्द ही शुरू होंगी। बीते रविवार इस आर्क ब्रिज पर इलेक्ट्रिक इंजन का सफल ट्रायल भी किया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रविवार को इलेक्ट्रिक इंजन का हुआ था ट्रायल

    एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में एक रेल चिनाब आर्क ब्रिज को पार करती नजर आ रही है। भारतीय रेलवे ने रविवार को चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल समेत संगलदान से रियासी तक इलेक्ट्रिक इंजन का सफल ट्रायल किया था। संभावना है कि इस रेल लिंक के साथ यात्रा चार से पांच महीनों में शुरू हो जाए।

    संगलदान से रियासी के बीच शुरू होगा रेल सफर

    ज्ञात हो कि उधमपुर से कटड़ा तो दूसरी तरफ कश्मीर (बारामूला) से संगलदान (रामबन) तक रेल पहले से ही कनेक्ट है। अब संगलदान से रियासी के बीच 46 किलोमीटर खंड में ट्रेन चलाने की तैयारी है। उसके बाद रियासी से कटड़ा तक 17 किलोमीटर हिस्से का काम इसी साल के अंत तक पूरा होने की संभावना है।

    संगलदान से रियासी खंड के चालू होने का मतलब है कि जम्मू-कश्मीर के बीच रियासी से वैकल्पिक संपर्क होना। घाटी को कन्याकुमारी से जोड़ने की यह बड़ी उपलब्धि होगी। अधिकारियों ने बताया कि इस रेल लिंक के साथ, घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच यात्रा अगले चार से पांच महीनों शुरू होने की पूर्ण संभावना है।

    एफिल टावर से भी ऊंचा है ब्रिज

    जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में चिनाब नदी के ऊपर बना रेल ब्रिज पेरिस के एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है। 1,315 मीटर लंबा पुल एक व्यापक परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क द्वारा सुलभ बनाना है।

    यह भी पढ़ें- दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च पुल पर पहली बार दौड़ा इलेक्ट्रिक इंजन, एक दूसरे से जुड़ेंगे कश्मीर और कन्याकुमारी