सांबा में 3278 कनाल जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव, गैर मुमकिन खड्ड से बाहर; अब यहां हो पाएंगे निर्माण
Jammu News जम्मू कश्मीर स्थित सांबा के बीरपुर में 3278 कनाल जमीन गैर मुमकिन खड्ड श्रेणी से बाहर हो गई है। जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव के बाद अब इस जमीन पर निर्माण हो पाएंगे और इस जमीन की खरीद-फरोख्त भी हो पाएगी। जम्मू-कश्मीर में गैर मुमकिन खड्ड श्रेणी वाली जमीनों की खरीद-फरोख्त व निर्माण कार्य पर पूर्ण रोक है।

जम्मू, जागरण संवाददाता: सांबा जिले की बड़ी ब्राह्मणा तहसील के गांव बीरपुर में सरकार ने 3278 कनाल पांच मरला जमीन को गैर मुमकिन खड्ड की श्रेणी से बाहर निकाल दिया है। सरकार की ओर से इस जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में आवश्यक सुधार करते हुए अब इसे बंजर जमीन की श्रेणी में रखा गया है। जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव के बाद अब इस जमीन पर निर्माण हो पाएंगे और इस जमीन की खरीद-फरोख्त भी हो पाएगी।
जमीनों की खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्य पर पूर्ण रोक
जम्मू-कश्मीर में गैर मुमकिन खड्ड श्रेणी वाली जमीनों की खरीद-फरोख्त व निर्माण कार्य पर पूर्ण रोक है। जम्मू-कश्मीर में दशकों से राजस्व रिकार्ड को अपडेट नहीं किया गया था। दशकों पहले जहां से बरसाती पानी का रास्ता था, उन्हें गैर मुमकिन खड्ड करार दिया गया। वर्ष 2014 तक लोगों को कोई परेशानी नहीं थी, क्योंकि वे इनकी खरीद-फरोख्त कर सकते थे, लेकिन 2014 में इनकी खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी गई जिसके बाद लोगों की मुश्किलें बढ़ीं।
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सर्वे करने के दिए निर्देश
इस रोक को हटाने की मांग को लेकर जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में केस भी दायर हुआ और 2022 में हाईकोर्ट ने गैर मुमकिन खड्डों का फिर से सर्वे करने का निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में सालों से पानी की निकासी नहीं हुई है, उन्हें इस श्रेणी से बाहर निकाला जाए। आदेश का पालन करते हुए सरकार की ओर से प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया जो गैर मुमकिन खड्डों का सर्वे कर रही है।
जमीन को गैर मुमकिन खड्ड की श्रेणी से निकाल कर बंजर जमीन की श्रेणी में रखा गया
सांबा जिला कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राजस्व विभाग की ओर से अब एक आदेश जारी किया गया है जिसके अनुसार बीरपुर में 3278 कनाल पांच मरला जमीन को गैर मुमकिन खड्ड की श्रेणी से निकाल कर बंजर जमीन की श्रेणी में रखा गया है।
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कमेटी ने बीरपुर के खसरा नंबर 1734 में 4150 कनाल चार मरला गैर मुमकिन खड्ड का सर्वे किया था और पाया कि अब इसमें से 3278 कनाल पांच मरला जमीन ऐसी है जहां सालों से पानी नहीं आया। सरकार के इस जमीन रिकार्ड सुधार के बाद बीरपुर में औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार का रास्ता भी खुल जाएगा।
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