Jammu Kashmir: दौलत बेग ओल्डी ग्राउंड से उड़ान भर रहे सी130 जे सुपर हर्कूलियस
पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटी दौलत बेग ओल्डी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड में सी130 जे सुपर हर्क ...और पढ़ें

जम्मू, राज्य ब्यूरो: पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटी दौलत बेग ओल्डी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड में सी130 जे सुपर हर्कूलियस विमान उड़ाने भर रहे हैं। दौलत बेग ओल्डी को दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी माना जाता है। भारतीय वायुसेना पूर्वी लद्दाख में 16,730 फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे ऊंची एयर स्ट्रिप बनाकर चीन का मुकाबला करने के लिए सशक्त हुई है।
एयर स्ट्रिप से भारतीय वायुसेना के विमान सारा साल उड़ानें भर सकते हैं। सोमवार दौलत बेग ओल्डी एडवांस लैंडिंग ग्राउंड से सी130 जे सुपर हर्कूलियस विमान के उड़ान भरने का वीडियो टि़वटर पर वायरल हुआ। पूर्व लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी समेत तीन एडवांस लैंडिंग ग्राउंड बनने से सैन्य क्षमता में कई गुणा इजाफा हुआ है।
अब भारतीय वायुसेना देश के अन्य हिस्सों से महज तीस मिनट में टैंक, तोपखाना और जवानों को लद्दाख पहुंचा सकती है। इस समय लद्दाख में तैनात सैनिकों, वायुसैनिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एडवांस लैंडिंग ग्राउंड से वायुसेना के सभी छोटे बड़े विमान उड़ानें भरकर दुश्मन को संदेश दे रहे हैं कि मुकाबला करने की पूरी तैयारी है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह जगह
दौलत बेग ओल्डी यानि डीबीओ का ये इलाका दुनिया से इसी एयरस्ट्रिप के लिए मशहूर है। इस इलाके में तीन साल पहले भारतीय वायुसेना के बिग साइज विमानों की लैंडिंग कराई गई थी। अपने सामरिक महत्व के कारण श्योक और काराकोरम के बीच मौजूद दौलत बेग ओल्डी को इंडियन एयरफोर्स के अडवांस लैंडिंग ग्राउंड के रूप में जाना जाता है।
1962 में बनाई थी हवाई पट्टी
वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान बनाई गई दौलत बेग ओल्डी की हवाई पट्टी पर कुछ साल पहले भारतीय वायु सेना के सुपर हरक्युलिस विमान उतारे गए थे। इसके अलावा यहां पर कई बड़े लड़ाकू जहाजों की भी लैंडिंग करा गई थी। ऐसे में इस एयरस्ट्रिप पर लैंडिंग और ऑपरेशन के पुराने अनुभवों के कारण एयरफोर्स को युद्ध के दौरान बड़ा एडवांटेज मिल सकता है।
16600 फीट पर बनी सड़क होगी मददगार
दौलत बेग ओल्डी के इस इलाके को श्योक वैली और दारबुक से जोडऩे वाली सड़क को डीएसडीबीओ रोड के नाम से जाना जाता है। करीब 16600 फीट पर बनी इस सड़क से लेह और काराकोरम आपस में जुड़ते हैं।

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