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    Mubarak Mandi Jammu: हेरिटेज होटल बन रानियों के महल लौटाएंगे मुबारक मंडी का वैभव, अब पीपीपी मोड से बदलेंगे हालात

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Sun, 08 Aug 2021 09:23 AM (IST)

    अब सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल के तहत ऐतिहासिक मुबारक मंडी कांप्लेक्स के रानियों के महल वाले हिस्से को हेरिटेज होटल में बदलने का निर्णय लिया है। जो राजस्व हासिल होगा उसे ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार यहां मौजूद पांडुलिपियों व अन्य ऐतिहासिक चीजों के संरक्षण में लगाया जाएगा।

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    महलों की दीवारों पर हुई नक्काशी, सजावटी छत और अन्य वास्तुकला के खूबसूरत नमूने पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।

    जम्मू, अशोक शर्मा । डोगरा संस्कृति और इतिहास की प्रतीक मुबारक मंडी दशकों से अपने जीर्णोद्धार की बाट जोह रही है। इसका परिसर बहुत बड़ा है, जिसमें कई ऐतिहासिक इमारते हैं। इसी परिसर में विभिन्न राजाओं की रानियों के छह महल हैं। ऐसे में पूरे परिसर का जीर्णोद्धार करवाना किसी भी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। यही वजह है कि वादे तो खूब हुए, लेकिन पूरे परिसर के जीर्णोद्धार का काम अब तक नहीं हो सका। अकेले डोगरा आर्मी हेडक्वार्टर को ही ठीक करने में करीब एक दशक लग गए। इसकी सबसे बड़ी वजह राजस्व की कमी रही। ऐसे में अब सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल के तहत ऐतिहासिक मुबारक मंडी कांप्लेक्स के रानियों के महल वाले हिस्से को हेरिटेज होटल में बदलने का निर्णय लिया है। इससे जो राजस्व हासिल होगा, उसे इस ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार, यहां मौजूद पांडुलिपियों व अन्य ऐतिहासिक चीजों के संरक्षण में लगाया जाएगा।

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    सरकार इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश की तलाश कर रही है। जितना बड़ा ग्रुप इसमें निवेश करेगा, उतनी ही ज्यादा मुबारक मंडी को पर्यटन मानचित्र पर पहचान दिलाने में भी मदद मिलेगी। सरकार यह जानती है कि हेरिटेज होटलों को लेकर विदेशी पर्यटकों में विशेष उत्साह रहता है। अपने देश में ऐसे पर्यटकों की कमी नहीं है, जो हेरिटेज होटलों में रहना पसंद करते हैं। राजस्थान ने इस दिशा में अच्छा काम किया है, जहां बड़ी संख्या में अपने देश के और विदेश के सैलानी पहुंचते हैं। रानियों के महल भी खंडहर बन गए हैं। इसलिए यदि इन्हें हेरिटेज होटल बनाया जाता है तो इन ऐतिहासिक महलों का भी संरक्षण संभव हो पाएगा। वैसे भी जहां ये भवन स्थित हैं, वहां से तवी का विहंगम नजारा दिखता है। नदी के उस पार के पहाड़ों का नजारा भी सैलानियों का मन मोह लेगा। इसलिए हेरिटेज होटल बनने पर कोई भी पर्यटक इन महलों में सुकून की कुछ रातें गुजारना चाहेगा। महलों की दीवारों पर हुई नक्काशी, सजावटी छत और अन्य वास्तुकला के खूबसूरत नमूने पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।

    विरासत के संरक्षण को लेकर क्या कहता है नीति आयोग

    नीति आयोग का साफ कहना है कि विरासत के संरक्षण के लिए जरूरी है कि प्राचीन किले, हवेलियां, महल देश की ऐतिहासिक धरोहर हैं। यह खंडहर में न बदल जाएं, इसके लिए जरूरी है कि इनका संरक्षण किया जाए। जहां संभव हो इन ऐतिहासिक धरोहरों में हेरिटेज आवास सुविधाएं जुटाई जाएं, ताकि आर्थिक स्थिति मजबूत हो, जिससे धरोहरों का संरक्षण किया जा सके। देश में कई हेरिटेज होटल बने हैं, जिनका बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।

    मुबारक मंडी परिसर में रानी बंद्राली महल, राजा अमर सिंह की रानियों का महल, रानी गुलेरी महल, रानी चाढ़की महल, राजा राम सिंह की रानियों का महल और नवा महल पूरी तरह आवासीय थे। इन्हें ही रहने के काबिल बनाया जाएगा। हेरिटेज होटल के अलावा विश्व स्तरीय संग्रहालय, सेमीनार हाल, लेजर शो करवाने की व्यवस्था आदि पर भी काम होगा। इससे राजस्व बढ़ेगा, स्थानीय लोगों की आवाजाही बढ़ेगी और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। हेरिटेज होटल व अन्य प्रोजेक्टों से जो पैसा आएगा, उसे विरासत के संरक्षण पर ही खर्च किया जाएगा।

    -दीपिका शर्मा, कार्यकारी निदेशक, मुबारक मंडी हेरिटेज सोसायटी 

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