BSP ने गोलीबीरी में जान गंवाने वालों के लिए मांगा 20 लाख मुआवजा, घायलों को 5 लाख देने की मांग
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तानी गोलाबारी में जान गंवाने वालों के परिवारों को 20 लाख रुपये और घायलों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए। बसपा ने सीमावर्ती गांवों को मॉडल गांव बनाकर विकसित करने और स्थायी राहत कोष स्थापित करने की भी मांग की है ताकि पीड़ितों को तुरंत मुआवजा मिल सके।
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब। बहुजन समाज पार्टी ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पाकिस्तानी गोलाबारी कारण जिन लोगों की जान गई है उन परिवारों को सरकार की तरफ से 20 लाख रुपये आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। इसके साथ ही जो लोग घायल हुए हैं उन्हें पांच लाख रुपये आर्थिक मदद मिलनी चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी ने मांग करते हुए कहा है कि सीमावर्ती गांव जो हमेशा पाकिस्तानी गोलाबारी की चपेट में रहते हैं उन गांवों को माडल गांव का दर्जा देकर उनमें बेहतर तरीके के साथ विकास होना चाहिए तथा वहां पर रहने वाले लोगों को हर प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए।
राहत कोष की स्थापना करने की जरूरत
पार्टी ने मांग करते हुए कहा है कि सरकार की तरफ से स्थायी सीमा राहत कोष की स्थापना करने की जरूरत है ताकि जरूरत के समय पर मुआवजा राशि पीड़ितों को मिल सके। इसके अलावा सीमावर्ती लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पांच-पांच मरले के प्लॉट दिए जाने चाहिए। बहुजन समाज पार्टी के जम्मू कश्मीर अध्यक्ष की तरफ से जारी किए गए बयान में पार्टी की तरफ से मांग की गई की इन मांगों को पूरा करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए जाने चाहिए।
उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए
बसपा प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है जिसमें नए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना करने के साथ-साथ महिलाओं के लिए लघु उद्योग लगाने के लिए विशेष योजना शुरू होनी चाहिए। इसके अलावा युवाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए औद्योगिक क्षेत्र की तरफ आगे लाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
बसपा ने मांग करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में नई औद्योगिक नीति न आने के कारण निवेशक दुविधा में है ऐसे में सरकार को नई औद्योगिक नीति लाने की जरूरत है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के जिला सांबा, कठुआ, पुलवामा तथा बारामूला क्षेत्र में नई औद्योगिक नीति के तहत उद्योग की स्थापना की जानी चाहिए। इसके अलावा नई इकाइयों को पहले पांच वर्षों तक पूरी तरह से कर मुक्त बनाया जाना चाहिए।
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