सांबा में शहीद जवानों के नाम पर होंगी चौकियां, एक पोस्ट का नाम होगा 'सिंदूर'; BSF ने भेजा प्रस्ताव
श्रीनगर में बीएसएफ ने एलान किया कि सांबा की दो चौकियों का नाम शहीद जवानों के नाम पर रखा जाएगा। इसी के साथ एक चौकी का नाम सिंदूर रखने का प्रस्ताव भी रखा गया है। आईजी जम्मू शशांक आनंद ने यह भी खुलासा किया कि 9 और 10 मई को एलओसी के पास आतंकवादियों के लॉन्चपैड पर हमला करने की भी योजना थी।

एएनआई, श्रीनगर। पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव और फिर संघर्षविराम... भारत-पाकिस्तान के बीच कई दिनों तक गोलीबारी का क्रम जारी रहा। इस बीच बीएसएफ ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए जवानों के सम्मान में एक बड़ा एलान किया है।
बीएसएफ के आईजी जम्मू, शशांक आनंद ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ की महिलाकर्मियों ने अग्रिम ड्यूटी चौकियों पर लड़ाई लड़ी। हमारी बहादुर महिला कर्मियों, सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली, कॉन्स्टेबल मंजीत कौर, कॉन्स्टेबल मलकीत कौर, कॉन्स्टेबल ज्योति, कॉन्स्टेबल सम्पा और कॉन्स्टेबल स्वप्ना और अन्य ने इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ अग्रिम चौकियों पर लड़ाई लड़ी।
आईजी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा बीएसएफ चौकियों पर ड्रोन हमले और गोलाबारी में हमने बीएसएफ के सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज, कॉन्स्टेबल दीपक कुमार और भारतीय सेना के नायक सुनील कुमार को खो दिया। हम अपने दो पोस्ट (सांबा) का नाम अपने खोए हुए कर्मियों के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखते हैं और एक पोस्ट का नाम 'सिंदूर' रखने का प्रस्ताव रखते हैं।
पाकिस्तान ने भारत की चौकियों पर की गोलीबारी
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए बीएसएफ आईजी शशांक आनंद ने जम्मू फ्रंटियर पर जोर देकर कहा कि पाकिस्तानी पोस्ट ने भारत की चौकियों पर गोलीबारी की। हालांकि, इसके लिए वे पहले से ही तैयार थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए हमने सीमा पार से गोलीबारी के दौरान कई पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस बीच हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
8 मई की रात को जब हमने यह ऑपरेशन किया, तो उस इलाके में दुश्मन के हौसले पस्त थे। अगले दिन यानी 9 मई को पाकिस्तान ने सांबा क्षेत्र से दूर जाकर जम्मू के उत्तरी इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बिना उकसावे के सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी। बीएसएफ ऐसी स्थिति के लिए पहले से ही तैयार थी और 9 और 10 मई को बीएसएफ ने पाकिस्तान की सीमा पर भारी गोलाबारी की। इस दौरान हमने योजना बनाई थी कि अगर मौका मिला तो हम अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित आतंकी लॉन्च पैड पर भी हमला करेंगे। बीएसएफ ने एलओसी के पास लूनी इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्च पैड पर "जानबूझकर" हमला किया।
-शशांक आनंद, बीएसएफ आईजी
शशांक आनंद ने बताया कि इस ऑपरेशन के तहत 9 और 10 मई की रात को बीएसएफ ने "लूनी" में लश्कर-ए-तैयबा के लॉन्चपैड पर जानबूझकर और योजनाबद्ध तरीके से हमला किया। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 3 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में स्थित है।
20 आतंकियों की मौजूदगी की मिली थी सूचना
सुंदरबनी के डीआईजी वीरेंद्र दत्ता ने बताया कि उन्हें लूनी इलाके में 18-20 आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जो सीमा पार से गोलीबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ करने की योजना बना रहे थे।
आठ मई के बाद, हमें खुफिया जानकारी मिली कि लूनी में 18-20 आतंकवादी मौजूद हैं और उम्मीद थी कि वे सीमा पार से गोलीबारी का फायदा उठाकर घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे।
हमने अधिकतम हताहतों को पहुंचाने के लिए दो चरणों में एक सुनियोजित ऑपरेशन को अंजाम दिया। हमने वह लक्ष्य हासिल कर लिया, और लूनी पूरी तरह से नष्ट हो गया। ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के लिए भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया थी। 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। हमले के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने एक समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 एयरबेसों में रडार इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी खत्म करने की सहमति की घोषणा की गई।
-वीरेंद्र दत्ता, डीआईजी
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