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    Jammu Kashmir और लद्दाख में बर्फ से जमी सड़कों पर डटे BRO के कर्मयोगी, आपरेशनल तैयारियों को दे रहे बल

    By Jagran NewsEdited By: Lokesh Chandra Mishra
    Updated: Mon, 14 Nov 2022 07:15 AM (IST)

    सीमा पर मोर्चा संभाले सैनिकों व यहां के लोगों के सफर को सुगम बनाने के लिए बीआरओ और सेना के जवान मशीनों से बर्फ हटाने में जुटे हैं। मकसद है कि मार्च के अंत तक लद्दाख को सड़क मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाए।

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    बीआरओ के कर्मयोगी शून्य से नीचे तापमान में दूरदराज इलाकों में सड़क संपर्क बहाल रखने को मेहनत कर रहे हैं।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो : कभी अक्टूबर में लद्दाख के अधिकांश इलाके बर्फबारी से शेष देश से कट जाते थे अब वह अब मध्य नवंबर में भी यातायात के लिए खुले हुए हैं। यह सब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मयोगियों की बदौलत हुआ है। यानी बर्फ के योद्धा जवानों के जोश से बर्फ भी पिघलकर थम जाने वाली जिंदगी को गति दे रही हैं।

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    सीमा पर मोर्चा संभाले सैनिकों व यहां के लोगों के सफर को सुगम बनाने के लिए बीआरओ और सेना के जवान मशीनों से बर्फ हटाने में जुटे हैं। मकसद है कि मार्च के अंत तक लद्दाख को सड़क मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाए। सीमा सड़क संगठन के कर्मयोगी दूरदराज इलाकों के आर्थिक विकास में सहयोग देने के साथ सर्दियों में सेना की आपरेशनल तैयारियों को भी बल दे रहे हैं।

    दूरदराज इलाकों में भारी बर्फबारी से पैदा हो रही चुनौतियों के बीच बीआरओ के ये कर्मयोगी शून्य से नीचे के तापमान में दूरदराज इलाकों में सड़क संपर्क बहाल रखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस समय श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर जोजि ला, खारदूंग ला, कारगिल के द्रास व कश्मीर के उड़ी, गुरेज, तुलेल इलाकों में बीआरओ की प्रशिक्षित टीमें, आधुनिक मशीनों के साथ सड़कों से बर्फ हटाकर सैन्य नागरिक वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित कर रही हैं।

    सीमा प्रोजेक्ट विजयक ये कर्मयोगी 17982 फीट की ऊंचाई पर खारदूंगला में शून्य से 38 डिग्री के नीचे के तापमान में सड़क पर बर्फ नहीं जमने दे रहे हैं। इन दूरदराज इलाकों में जीवन की रफ्तार को बनाए रखने के लिए कर्मयोगी दिन-रात काम कर रहे हैं।

    पहाड़ को काटकर वैकल्पिक मार्ग बनाया

    गत दिनों सीमा सड़क संगठन के कर्मयोगियों ने पूर्वी लद्दाख के मंदिर मोड़ में बड़े वाहनों के गुजरने के लिए पहाड़ को काटकर वैकल्पिक मार्ग बना दिया है। 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 30 फीट तक पहाड़ी को काट कर बनाए मार्ग से गुजर कर सेना के बड़े वाहन अब किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए जल्द वास्त्विक नियंत्रण रेखा तक पहुंच जाते हैं। पहाड़ी का सत्तर प्रतिशत सख्त चट्टाने हैं। ऐसा कर सीमा सड़क संगठन सीमांत इलाकों में सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।

    चुनौतियां से लोहा लेकर लोगों को राहत दे रहे

    पीआरओ डिफेंस कर्नल एमरान मुसावी का कहना है कि सीमा सड़क संगठन इस समय दूरदराज के इलाकों में सड़क संपर्क बहाल रखकर अहम योगदान दे रहा है। कर्मयोगी मौसम की चुनौतियां से लोहा लेकर लोगों को राहत दे रहे हैं।

    लद्दाख रणनीतिक रूप से अतिमहत्वपूर्ण

    लद्दाख रणनीतिक रूप से भारतीय सेना के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। लद्दाख के पश्चिमी क्षेत्र में सेना सियाचिन में पाकिस्तान का सामने व पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना के सामने मोर्चा संभाले हुए हैं। ऐसे हालात में सीमा सड़क संगठन लद्दाख में करीब छह सौ किलोमीटर सड़क के रखरखाव का जिम्मा संभालती है।

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