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विलय दिवस पर गूंजेंगे ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की वीरता के किस्से

विलय दिवस पर देशवासियों के साथ भारतीय सेना भी देश के उस सपूत को श्रद्धांजलि देगी जिन्होंने आखिरी सांस तक दुश्मन को कश्मीर के उड़ी में रोककर देश से जम्मू कश्मीर के विलय को संभव बनाने में अहम योगदान दिया। ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह एक कुशल सैन्य रणनीतिकार थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 05:16 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 05:16 AM (IST)
विलय दिवस पर गूंजेंगे ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की वीरता के किस्से
विलय दिवस पर गूंजेंगे ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह की वीरता के किस्से

राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर पर कब्जा करने की दुश्मन की साजिश को मुट्ठी भर सैनिकों के साथ नाकाम बनाने वाले महाराजा की फौज के ब्रिगेडियर महावीर चक्र विजेता राजेंद्र सिंह भारतीय सेना के प्रेरणास्त्रोत हैं। मंगलवार को विलय दिवस पर देशवासियों के साथ भारतीय सेना भी देश के उस सपूत को श्रद्धांजलि देगी, जिन्होंने आखिरी सांस तक दुश्मन को कश्मीर के उड़ी में रोककर देश से जम्मू कश्मीर के विलय को संभव बनाने में अहम योगदान दिया। ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह एक कुशल सैन्य रणनीतिकार थे।

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75 साल पहले पाकिस्तान ने कबायलियों की आड़ में 22 अक्टूबर को आपरेशन गुलमर्ग के तहत कश्मीर कब्जाने के लिए हमला बोल दिया था। महाराजा हरि सिंह की फौज के चीफ ऑफ स्टाफ बिग्रेडियर राजेंद्र सिंह ने 100 सैनिकों की टुकड़ी के साथ पांच हजार दुश्मन सैनिकों को उड़ी सेक्टर में रोकने के लिए मोर्चा संभाल लिया था। पांच दिन तक दुश्मन को रोकने वाले ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह 26 अक्टूबर को अपने कई साथियों के साथ प्राणों की आहूति दी। इस बीच भारतीय सेना 27 अक्टूबर को कश्मीर पहुंच गई।

मंगलवार को जम्मू में उनके 75वें शहीदी दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी कश्मीर के रक्षक को श्रद्धांजलि देंगे। जम्मू कश्मीर एक्स सर्विस लीग के इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में सेना की सोलह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचेन्द्र कुमार, सेना की 9 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल पी अनंथनारायण के साथ 26 डिव की जीओसी मेजर जनरल नीरज गोसाई व 10 डिव के जीओसी मेजर जनरल राजीव गदहोक भी हिस्सा लेंगे। सत्तर सैनिकों के साथ वीर गति को प्राप्त हुए थे ब्रिगेडियर

ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह के शहीदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर रही जम्मू कश्मीर एक्स सर्विस लीग के प्रधान मेजर जनरल गोवर्धन सिंह जम्वाल ने बताया कि महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह ने अपने सत्तर सैनिकों के साथ वीरगति पाई थी। उन्हें उस समय का सबसे सर्वोच्च सम्मान महावीर चक्र दिया गया। इधर 26 अक्टूबर की रात को ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह शहीद हुए, उधर अगले दिन सुबह पांच बजे सेना की एक सिख बटालियन की दो कंपनियां वायुसेना के विमान से लेफ्टिनेंट कर्नल दीवान रंजीत के नेतृत्व में श्रीनगर पहुंच गईं। उन्होंने श्रीनगर एयरपोर्ट की सुरक्षा सुनिश्चित की। इसके बाद सेना की अन्य कंपनियां भी श्रीनगर पहुंच गई।


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