महाराजा हरि सिंह से मिलने वाले पैसों से बंदूक, घोड़े नहीं किताबें खरीदीं : डॉ. कर्ण सिंह
किताबें हम सभी को पढ़नी चाहिए। इससे इंसान का बौद्धिक विकास होता है। महाराजा हरि सिंह जब पैसे देते थे तो उनसे मैंने घोड़े बंदूक खरीदने की बजाय किताबें खरीदी।
जम्मू, जेएनएन। किताबें हम सभी को पढ़नी चाहिए। इससे इंसान का बौद्धिक विकास होता है। महाराजा हरि सिंह जब पैसे देते थे तो उनसे मैंने घोड़े, बंदूक खरीदने की बजाय किताबें खरीदी।
शहर के गुलाब भवन में रविवार को डॉ. कर्ण सिंह वरिष्ठ नागिरक पुस्कालय के उद्घाटन अवसर पर जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह ने अपने अनुभव सांझा किए। उन्होंने कहा कि महाराजा से मिलने वाले पैसों की बदौलत उन्होंने 25 हजार किताबें खरीदी हैं। इनमें से पांच हजार किताबों को वरिष्ठ नागिरकों को पढ़ने के लिए पुस्तकालय में रखा गया है। इनमें अध्यात्म, कला संस्कृति, आत्मकथाओं सहित लोक सभा और राज्यसभा की डिबेट की किताबें प्रमुख हैं। समाज के हरेक वर्ग को पुस्तकालय में आकर इन किताबों को जरूर पढ़ना चाहिए। डाॅ. सिंह ने कार्यक्रम में उम्मीद जताई कि सरकार राज्य की अमूल्य धरोहर मुबारक मंडी के जीर्णोद्धार के लिए प्रभावी कदम उठाएगी।
इससे पहले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने डॉ. कर्ण सिंह वरिष्ठ नागरिक पुस्तकालय को उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में हिन्दी, डोगरी और उर्दू भाषा की पांच हजार किताब मौजूद हैं। अमर महल म्यूज्यिम से ही कुछ किताबों के संग्रह को इस पुस्तकालय में शिफ्ट किया गया है ताकि यहां से हर गुजरने वाला इस पुस्तकालय की ओर आकर्षित होकर अपने ज्ञान को बढ़ा सके। भले ही आज तकनीक का युग है लेकिन हम सभी को किताबें भी जरूर पढ़नी चाहिए। इससे इंसान का चहुंमुखी विकास होता है।
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