नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा में उर्दू अनिवार्यता का BJYM ने किया विरोध, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का फूंका पुतला
जम्मू-कश्मीर में नायब तहसीलदार पदों की भर्ती में उर्दू भाषा को अनिवार्य करने का BJYM ने विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने बिश्नाह में प्रदर्शन कर उमर अब्दुल्ला का पुतला फूंका और आदेश वापस लेने की मांग की। उनका कहना है कि जम्मू के युवाओं के साथ यह धोखा है क्योंकि स्कूलों में उर्दू पढ़ाई ही नहीं जाती।

संवाद सहयोगी, बिश्नाह। नायब तहसीलदार पदों पर भर्ती में उर्दू भाषा को अनिवार्य करने के विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राज्य प्रमुख अरुण प्रभात व पूर्व विधायक अश्विनी शर्मा की अगुआई में कार्यकर्ताओं ने बिश्नाह के तारा चौक में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का पुतला फूंका। उर्दू भाषा वाले आदेश को वापस लेने की मांग की।
अरुण प्रभात ने कहा कि हम जम्मू के युवाओं के साथ यह धोखा नहीं होने देंगे। युवा काफी अर्से से इस भर्ती की उम्मीद लगाए बैठे थे। इसके लिए उन्होंने तैयारी कर रखी थी। कड़ी तपस्या करते हुए अच्छी शिक्षा भी ग्रहण करी थी, लेकिन अंतिम समय में मुख्यमंत्री ने साजिश के तहत जम्मू के युवाओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुए उर्दू भाषा को अनिवार्य कर दिया।
पूर्व विधायक अश्विनी कुमार शर्मा ने कहा कि यह सरकार की खोखली राजनीति नहीं तो और क्या है कि जम्मू संभाग के 90 प्रतिशत स्कूलों में उर्दू का अध्यापक ही नहीं है तो क्षेत्र के युवाओं को उर्दू पढ़ाएगा कौन। उमर अब्दुल्ला को चाहिए कि पहले पूरे राज्य में एक समान शिक्षा ढांचा तैयार करें। वही भाषा भर्ती प्रक्रिया में लागू करें जो युवाओं को पढ़ाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि अब हम श्रीनगर के युवाओं को संस्कृत में परीक्षा देने के लिए कहें तो दो विद्यार्थी भी सफल नहीं होंगे। इस तरह से जब उर्दू भाषा स्कूल में पढ़ाई नहीं जाती तो भर्ती प्रक्रिया में उसको प्राथमिकता क्यों दी जा रही है, इसका जवाब उमर अब्दुल्ला सरकार को देना होगा नहीं तो गली-गली उनके पुतले जलाए जाएंगे विरोध प्रदर्शन होंगे। इस मौके पर शम्मी खजुरिया, शक्ति भारत, बनी सडोत्रा, कुलदीप सोढ़ी आदि मौजूद थे।
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