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    जम्मू: 34 साल बाद बड़ा खुलासा! यासीन मलिक ने ही श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर चलाई थीं गोलियां, दो गवाहों ने की पहचान

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 08:40 AM (IST)

    1990 में श्रीनगर में वायुसेना कर्मियों पर गोलीबारी के मामले में यासीन मलिक की दो गवाहों ने पहचान की है। विशेष टाडा अदालत में गवाहों ने बताया कि मलिक उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने गोली चलाई थी, जिसमें चार वायुसेना कर्मियों की जान चली गई थी। अदालत ने अगली सुनवाई 20 सितंबर को तय की है, जिस दौरान यासीन मलिक पर आरोप तय किए जा सकते हैं।

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    श्रीनगर में वर्ष 1990 में वायुसेना के अधिकारी सहित चार कर्मियों की हत्या के मामले में गवाहों ने लिया यासीन मलिक का नाम (फाइल फोटो)

    जागराण न्यूज नेटवर्क, जम्मू। श्रीनगर में वर्ष 1990 में वायुसेना के अधिकारी सहित चार कर्मियों की हत्या के मामले में शनिवार को जम्मू की टाडा कोर्ट में दो प्रमुख चश्मदीद गवाहों ने आतंकी व मुख्य आरोपित यासीन मलिक समेत चार की पहचान कर ली है। इनमें जावेद मीर, नाना जी और शौकत बख्शी शामिल है।

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    टाडा कोर्ट में शनिवार को यासीन मलिक, जावेद मीर, नाना जी और शौकत बख्शी की पेशी हुई। यासीन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से तिहाड़ जेल से कार्यवाही में पेश हुआ। इस दौरान जिरह के लिए बुलाए दोनों प्रमुख गवाहों ने यासीन मलिक समेत चारों की पहचान मुख्य आरोपी के तौर पर की।

    गवाहों ने कोर्ट में क्या कहा?

    वाहों में वायुसेना के एक स्टाफर और एक अन्य चश्मदीद शामिल थे। उन्होंने कोर्ट में गवाही देते हुए यासीन को उस हत्याकांड का मुख्य शूटर बताया। उन्होंने दावा किया कि यासीन ही वह व्यक्ति था, जिसने गोलियां चलाई थीं।

    इसमें चार जवान बलिदान हो गए थे और 22 अन्य घायल हो गए थे। बलिदानियों में वायुसेना के अधिकारी रवि खन्ना भी शामिल थे। जिरह के दौरान चश्मदीद अपने बयान पर मजबूती से कायम रहे।

    क्या था मामला?

    25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपुरा में भीषण गोलीबारी की गई थी। जांचकर्ताओं का कहना है कि इस हमले को यासीन मलिक ने अन्य आतंकियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। उसका मकसद उस वक्त घाटी में आतंक फैलाना था। आरोपियों की शिनाख्त के बाद अब इस मामले में 29 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।