Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सांस्कृतिक विरासत केंद्र के रूप में विकसित होगा जम्मू का भद्रकाली मंदिर, 6.60 करोड़ की लागत से होगा निर्माण कार्य

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 08:33 AM (IST)

    जम्मू के थलवाल गांव में स्थित भद्रकाली मंदिर को सांस्कृतिक विरासत केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए एनएचपीसी और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह मंदिर कश्मीरी हिंदू समुदाय की अटूट आस्था का प्रतीक है। 6.60 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना में घाटों का विकास पार्किंग का निर्माण और यज्ञशाला का निर्माण जैसे कार्य शामिल हैं।

    Hero Image
    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में राजभवन में समझौता ज्ञापन पर किया गया हस्ताक्षर। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। शहर से सटे निक्की तवी तट पर स्थित थलवाल गांव में भद्रकाली मंदिर सांस्कृतिक विरासत केंद्र रूप में विकसित होगा। इसके लिए राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (एनएचपीसी) और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रविवार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। बता दें कि यह मंदिर कश्मीरी हिंदू समुदाय के लिए अटूट आस्था और उनकी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का सशक्त प्रतीक है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह मंदिर देवी का नया घर माना जाता है, जो कश्मीर के बांडीपोरा स्थित भद्रकाली मंदिर की तरह है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह की अध्यक्षता की। एनएचपीसी ने और राहत एवं पुनर्वास आयुक्त कार्यालय जम्मू-कश्मीर के माध्यम से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

    सिन्हा ने एनएचपीसी की कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) कार्यक्रम के तहत की पहल की सराहना की। उपराज्यपाल ने कहा कि हम अपनी विरासत को संरक्षित करने और सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं ऐतिहासिक पहचान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    6.60 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों में घाटों का विकास, पार्किंग का निर्माण, यज्ञशाला का निर्माण, सुरक्षा दीवार और परिसर की दीवार का निर्माण, मौजूदा भवन की फिनिशिंग और द्वार का निर्माण शामिल है। मंडलायुक्त जम्मू रमेश कुमार, राहत एवं पुनर्वास आयुक्त जम्मू डा. अरविंद, महाप्रबंधक सिविल पंकज वशिष्ठ और एनएचपीसी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।